हिमखबर डेस्क
हिंदुस्तान का रतन हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गया है। दिग्गज कारोबारी रतन टाटा के निधन से समूचे देश में शोक की लहर है। अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आट्र्स हॉल में रखा गया है। यहां गुरुवार सुबह 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कहना है कि रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। पद्म विभूषण रतन एन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था।
टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने यहां जारी बयान में कहा कि हम श्री टाटा को बहुत ही दुख के साथ विदाई दे रहे हैं, जो वास्तव में एक असाधारण नेता थे, जिनके अतुल्य योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है।
उन्होंने कहा कि टाटा समूह के लिए श्री टाटा एक अध्यक्ष से कहीं बढक़र थे। वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। उन्होंने उदाहरण देकर प्रेरणा दी। उत्कृष्टता, अखंडता और नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने अपने नैतिक मानदंडों के प्रति हमेशा सच्चे रहते हुए अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया।
परोपकार और समाज के विकास के प्रति श्री टाटा के समर्पण ने लाखों लोगों के जीवन को छुआ है। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, उनकी पहल ने एक गहरी छाप छोड़ी है जिसका लाभ आने वाली पीढिय़ों को मिलेगा।
इस सभी कार्य को पुष्ट करने वाला श्री टाटा का हर व्यक्तिगत बातचीत में वास्तविक विनम्रता थी। पूरे टाटा परिवार की ओर से मैं उनके प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। उनकी विरासत हमें प्रेरित करती रहेगी, क्योंकि हम उनके सिद्धांतों को बनाए रखने का प्रयास करते रहेंगे।