IPS शालिनी की टीम ने बेपर्दा किया किडनी ट्रांसप्लांट की आड़ में धोखे का खेल, दंपत्ति काबू।
धर्मशाला – राजीव जसबाल
हिमाचल प्रदेश की ‘कांगड़ा पुलिस’ ने किडनी ट्रांसप्लांट की आड़ में धोखे से ठगी के खेल को बेपर्दा किया है।
सदर थाना की टीम की बदौलत आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है। सात दिन तक दिल्ली-एनसीआर में डेरा डालने के बाद खाकी को ये कामयाबी मिली है।
खास बात ये है कि पुलिस ने चार साल पुराने मामले को सुलझाने में सफलता अर्जित की है। आरोपी दंपत्ति से ठगी की रकम भी बरामद की है।
दरअसल, धर्मशाला की धौलाधार कालोनी के रहने वाले रंजीत राणा से 10 लाख रुपए की राशि किडनी ट्रांसप्लांट की आड़ में ऐंठ ली गई थी।
13 मार्च 2023 को रणजीत राणा ने पुलिस अधीक्षक को इस बारे शिकायत सौंपी थी। 15 मार्च 2023 को आईपीसी की धारा-420 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था।
पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने विशेष जांच दल का गठन किया। पुलिस के सामने पहली चुनौती आरोपी की सही पहचान के अलावा लोकेशन थी।
आखिर में कड़ी मशक्कत के बाद दिल्ली एनसीआर से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले नितिन गुप्ता (39) को दबोच लिया गया। आरोपी की पत्नी शिखा गुप्ता के भी मामले में शामिल होने की बात सामने आ रही है।
पत्रकारों से बातचीत में एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि आरोपी नितिन गुप्ता व उसकी पत्नी ने ठगी की बात को कबूल लिया है। एसपी ने बताया कि मामला 2019 का है।
आरोपी नितिन व शिखा गुप्ता ने रणजीत राणा से किडनी ट्रांसप्लांट की आड़ में 10 लाख रुपए लिए थे। राणा को ये आश्वासन दिया गया था कि उनकी किडनी ट्रांसप्लांट करवा दी जाएगी।
उधर, बताया जा रहा है कि पुलिस आरोपियों से 10 लाख रुपए की राशि रणजीत राणा को वापस करवाने में भी सफल हुई है।
दरअसल, 10 लाख रुपए देने के बाद लंबे अरसे तक नितिन कुमार ने राणा से संपर्क नहीं किया। इसके बाद धीरे-धीरे राणा को ठगी का अहसास हुआ।
एसपी ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई के दौरान आरोपियों ने रणजीत राणा के 10 लाख रुपए भी वापस कर लिए हैं।
ऐसे हुआ था संपर्क
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक समिति के निदेशक व पीड़ित रणजीत सिंह राणा 2019 में एक दिन कचहरी चौक स्थित एक निजी होटल में मौजूद थे।
इसी दौरान एक व्यक्ति ने परेशानी का कारण पूछा। व्यक्ति ने खुद का परिचय नितिन गुप्ता के तौर पर दिया था। महिला को पत्नी के रूप में परिचित करवाया।
अहम बात ये है कि आरोपी नितिन गुप्ता ने खुद को केंद्रीय कानून मंत्री का पीए भी बताया। साथ ही कहा था कि भाई दिल्ली में किडनी डोनर का प्रबंध कर सकता है।
करीब दो महीने तक नितिन की राणा से बात हुई। 23 मार्च 2019 को पीड़ित ने 10 लाख रुपए की राशि आरोपी के खाते में जमा करवा दी।
एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने कांगड़ा का कार्यभार संभालने के बाद इस मामले को गंभीरता से लिया।