कोटला – स्वयंम
आज जहां अधिकतर युवा कृषि करना छोड़ कर अन्य जगह रोजगार तलाश रहे हैं, वही ग्राम पंचायत सोलधा के किसान अरुण थापा सब्जी उत्पादन करके अपने आय बढ़ा रहे हैं । वर्ष 2002 में सेना से सेवानिवृत्त होकर उन्होंने कृषि को अपना रोजगार बनाया। वर्ष 2003 से वह कृषि विभाग कोटला से जुड़े हैं।
अरुण थापा पहले केवल गेहूं ,धान, बाजरा तथा बरसीम की खेती करते थे। धीरे – धीरे कृषि विभाग के सहयोग से उन्होंने परंपरिक खेती से हटकर सब्जी उत्पादन शुरू किया। असिंचित क्षेत्र होने के कारण सब्जी उत्पादन अधिक नहीं होता था। फिर उन्होंने ग्राम पंचायत सोलधा के सहयोग से जल भंडारण टैंक का निर्माण करवाया।
अरुण थापा ने बताया कि 3 कनाल भूमि में लहसुन, प्याज, बंद गोभी, फुलगोभी, मूली तथा पालक लगाया। और इसके साथ टमाटर, मिर्च तथा बैंगन की पनीरी लगाई। जिसकी बिक्री में इन्हें लगभग 5 हजार रुपए की आमदनी का अनुमान है ।
अरुण ने बताया कि डिस्पोजल कप में घीया ,लौकी तथा खीरे के पौधे तैयार किए हैं। और सभी तरह की सब्जियों के बीज वह कृषि विभाग कोटला से उपदान कर प्राप्त करते हैं। इसके अलावा उन्होंनेे डिस्पोजल कप में मटर फली तथा पंडोल के पौधे भी तैयार किए है। अन्य किसान इनके घर से ही पनीरी पौधे खरीद कर ले जाते हैं । जिससे इन्हें लगभग 5 हजार रुपए की आमदनी हो जाती है ।
उन्होंने बताया कि प्रति सीजन सब्जी उत्पादन से 10 हजार रुपए से 15 हजार रुपए तक का मुनाफा होता है। और सब्जियों के अतिरिक्त धान , बाजरा तथा बरसीम भी लगाते हैं। जिसका बीज कृषि विभाग कोटला से लेते हैं।
इस बारे में कृषि विकास अधिकारी डॉक्टर विशाखा पाल ने बताया कि अरुण थापा ने 2 हजार पौधों की पनीरी डिस्पोजेबल कप में लगाई है। तथा कम भूमि में भी 1.5 से 2.0 किवंटल प्याज की पैदावार भी करते हैं। सीमित तथा वर्षा आधारित भूमि में मेहनत करके सब्जियों का अधिक उत्पादन कर अरुण थापा अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं।