सिरमौर- नरेश कुमार राधे
ग्रामीण परिवेश की “बाला” निकिता तोमर ने आत्मविश्वास व काबिलियत के बूते एक शानदार सफलता अर्जित की है। होनहार “निकिता” ने बचपन में ही आसमान को मापने का सपना देखा था, अब माता-पिता के साथ-साथ अपने सपनों को भी पंख लगाए हैं।
निकिता बचपन में डीडी नेशनल पर एक सीरियल देखा करती थी, जिसमें फ्लाइट के दौरान केबिन क्रू के मेंबर्स को भी देखा। तब ही यह ठान लिया था कि वह भी एक दिन उड़ान भरेगी। साथ ही पहाड़ के कल्चर की तरह फ्लाइट में “अतिथि देवो भव:” की पंक्तियो को चरितार्थ करेगी।
करीब 15 साल बाद 23 साल की उम्र में निकिता ने बचपन में देखे सपने को साकार कर लिया है। हालांकि फ्लाइट में क्रू मेंबर की जिम्मेदारी से पहले उसे 6 माह की ट्रेनिंग पूरी करनी है, लेकिन वो बेहद उत्साहित हो कर उन पलों का इंतजार कर रही, जिस दिन उसे उड़ान भरने का मौका मिलेगा।
शिलाई में पत्रकार बिशन तोमर के घर जन्मी निकिता ग्रामीण परिवेश युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो केवल ग्रेजुएशन की पढ़ाई को ही पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं। साथ ही सरकारी नौकरी के पीछे भागते है। शिलाई कि निकिता तोमर का चयन एयर इंडिया में “केबिन क्रू के सदस्य” के तौर पर हुआ है। साधारण शब्दों में समझें तो निकिता “एयर हॉस्टेस” बनी है।
5वी की पढ़ाई शिलाई में करने के बाद निकिता को जवाहर नवोदय विद्यालय नाहन में दाखिला मिला। जमा दो की पढ़ाई पूरी करने के बाद वापस ग्रेजुएशन के लिए शिलाई लौट गई। चूंकि पढ़ाई में साथ- साथ कुछ हटकर करने की ठान रखी थी लिहाजा केबिन क्रू के कोर्स की पढ़ाई करने का निर्णय लिया। दिल्ली में एक साल का कोर्स पूरा करने के बाद नौकरी की कोशिश में जुटी तो पहले ही प्रयास में सफलता भी मिल गई।
बुधवार को “एयर इंडिया” में निकिता तोमर का चयन केबिन क्रू सदस्य के तौर पर हो गया। उधर निकिता तोमर ने कहा कि फिलहाल 6 महीने की इंटर्नशिप से गुजरेगी, इसके बाद ही फ्लाइट का शेड्यूल मिलेगा। यानी तकरीबन 6 महीने बाद एयर इंडिया की रूटीन फ्लाइट का हिस्सा बनेगी।
दौरान निकिता ने कहा कि चयन प्रक्रिया के पहले दौर में “ग्रुप डिस्कशन” का सामना किया। करीब 15 मिनट तक “रिश्वत” के विषय पर बोलना था। इसके लिए केवल अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग अनिवार्य किया गया था। इसके बाद अंतिम राउंड में साक्षात्कार में कई सवाल पूछे गए। अंग्रेजी भाषा के पकड़ को लेकर पूछे गए सवाल पर निकिता ने कहा कि उन्होंने अपनी पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से की है।
निकिता का कहना है कि इंग्लिश विषय में व्याकरण पर हमेशा ही ध्यान केंद्रित करती थी। कोर्स के दौरान हमेशा एक बात सिखाई गई कि जब आप आसमान में उड़ रहे होते हो तो पैसेंजर के लिए आप डॉक्टर भी हो पुलिस भी हो। इन तमाम बिंदुओं की कसौटी पर वह खरा उतरेगी।
उन्होंने युवाओं से सरकारी नौकरी के पीछे समय बर्बाद करने की बजाय लीक से हटकर कैरियर चुनने का आग्रह भी किया है। निकिता ने कहा कि घर से निकलकर यह पता चलता है कि आपके सामने कैरियर बनाने के कितने विकल्प मौजूद हैं। आपको अपने पर भरोसा करना चाहिए साथ ही खुद को पहचान कर ही कैरियर चुनना चाहिए।