व्यूरो रिपोर्ट
रूस और यूक्रेन में जंग के हालात बनते देख जहां भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरकों को कीव छोड़ने को कहा है। वहीं इस बीच नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम केंद्रीय कैबिनेट की बैठक करने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जंग के हालात पर भी चर्चा हो सकती है।
भारतीय दूतावास ने एक परामर्श जारी कर अपने सभी नागरिकों से यूक्रेन की और देश के भीतर की सभी गैरजरूरी यात्रा से बचने के लिए भी कहा है। दूतावास ने सभी भारतीयों से कहा कि वे दूतावास को यूक्रेन में अपने ठिकाने के बारे में सूचित करें, ताकि जरूरत पडऩे पर उन तक पहुं जा सके।
दूतावास फिलहाल सामान्य रूप से काम करना जारी रखेगा। परामर्श में कहा गया है। यूक्रेन में मौजूदा स्थिति की अनिश्चितताओं को देखते हुए, यूक्रेन में भारतीय नागरिक, विशेष रूप से ऐसे छात्र, जिनका रुकना आवश्यक नहीं है, अस्थायी रूप से छोडऩे पर विचार करें।
भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की और देश के भीतर की सभी गैरजरूरी यात्रा से बचने की भी सलाह दी जाती है। भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे दूतावास को यूक्रेन में अपनी उपस्थिति के बारे में सूचित करते रहें, आवश्यक पडऩे पर उन तक पहुंचा जा सके। दूतावास यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को सभी सेवाएं प्रदान करने के लिए सामान्य रूप से कार्य करेगा।
गौरतलब है ककि रूस ने यूक्रेन सीमा के पास 100,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है, जिससे हमले की आशंका बनी हुई है। रिपोर्टों के अनुसार जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज ने सोमवार को यूक्रेन का दौरा किया और आज मॉस्को का दौरा करने की योजना बनाई है, जिसे एक संभावित रूसी आक्रमण को रोकने का अंतिम प्रयास माना जा रहा है।
श्री शॉल्ज ने पहले यूक्रेन पर किसी भी रूसी हमले के खिलाफ स्पष्ट चेतावनी जारी की थी। उन्होंने कहा था कि रूस के किसी भी आक्रमण के भारी आर्थिक परिणाम होंगे, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं होगा। वहीं इसके साथ ही भारत समेत दुनियाभर के देश अलर्ट हो गए हैं। कई देशों ने अपने नागरिकों को अलर्ट कर दिया है।
अमेरिका ने तो अपना दूतावास ही कीव से हटाकर यूक्रेन के पश्चिमी शहर लवीव कर दिया है। माना जा रहा है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो सबसे पहला अटैक कीव पर होगा। खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने फेसबुक पर आशंका जताई है कि रूस 16 फरवरी को हमला कर सकता है।