यहां है प्राचीन काल की गुफा में 108 शिवलिंग

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लंज/ज्वाली- अनिल छांगु

हिमाचल प्रदेश के जिला काँगड़ा का ऐसा गांव जिसे शिव गुफा के नाम से जाना जाता है और इस शिव गुफा में 108 प्राकृतिक तौर पर बने शिवलिंग देखने को मिलते हैं। जिसे शिवेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। यह जिला काँगड़ा से रानीताल 32 मील रास्ते पर मनेई से लगभग 5 किमी. गाँव भन्द्रेला से 800 मीटर की दूरी पर शिव गुफा बनीं है। जिसे शिवेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है।

यह गुफा पहाड़ी के करीब 5 फीट अंदर बनी हुई है। और यह गुफा शिव भक्तों की आस्था का अद्भुत केंद्र बनी हुई है। इस गुफा को लेकर कई प्रकार की मान्यताएं प्रचलित है। शिवेश्वर महादेब की गुफा किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
भन्द्रेला गाँव से 800 फुट की पहाड़ी के नीचे उतर कर इस दिव्य गुफा के दर्शन होते है। पहाड़ी के नीचे जाते समय बहुत ही कठिन रास्ता है जो कि प्राकृतिक तौर पर बना हुआ है।

कोटला के त्रिलोकपुर में बने शिव मंदिर की गुफा की तरह ही यहां भी छोटी गुफा बनी है। जहां 108 प्राकृतिक तौर पर बने शिवलिंग स्थापित है। कुछ दन्तकथाओं में यह कहा जाता है कि यह गुफा पांडवों ने अज्ञात वास के दौरान बनाई थी।

वहीं स्थानीय निवासी किशोरी लाल ने बताया कि हमारे बुजुर्ग बताते थे कि ये शिवगुफ़ा पांडवों के समय की है
और स्थानीय लोग यहां पूजा के लिए अक्सर जाते है ।लेकिन रास्ते की दिक्कत के कारण काफी परेशान आती है।
उन्होंने बताया कि यहां 108 के लगभग शिव की पिंडियां प्राकृतिक तौर पर बनी हुई है।

किशोरी लाल,स्थायी निवासी

इस बारे में युवा दिनेश धीमान ने बताया कि प्रकृति की गोद मे एक मनोहर स्थान है और एक आस्था का केंद्र है
जहां भगवान शिव निवास करते है। उन्होंने पर्यटन विभाग से आग्रह किया है इस दिव्य स्थान का भी सौंदर्यीकरण किया जाए ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले।

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