हिमाचल: रजामंदी पर बिना शर्त होंगे जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों के तबादले, अधिसूचना जारी

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शिक्षा विभाग ने हिमाचल के 43 हजार शिक्षकों को राहत देने वाले कैबिनेट फैसले की अधिसूचना जारी कर दी है। बीते दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन दोनों श्रेणियों के शिक्षकों के अंतर जिला तबादले के लिए सरकार ने 13 साल की शर्त घटाकर पांच साल की है। 

शिमला- जसपाल ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों के अब रजामंदी पर अंतर जिला तबादले बिना शर्त हो सकेंगे। शिक्षा विभाग ने सूबे के 43 हजार शिक्षकों को राहत देने वाले कैबिनेट फैसले की अधिसूचना जारी कर दी है। बीते दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन दोनों श्रेणियों के शिक्षकों के अंतर जिला तबादले के लिए सरकार ने 13 साल की शर्त घटाकर पांच साल की है। तबादलों के लिए निर्धारित तीन फीसदी कोटे को भी घटाकर पांच फीसदी कर दिया है। शिक्षा सचिव की ओर से इस बाबत प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को पत्र जारी कर दिया गया है।

अंतर जिला तबादलों के लिए बनी नीति में संशोधन होने से 25 हजार जेबीटी और 18 हजार सीएंडवी शिक्षक अब गृह जिलो में तबादले करवा सकेंगे। 13 वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के बाद पहले यह तबादले होते थे। सरकार ने इस अवधि को घटाकर पांच वर्ष कर दिया है।

इन शिक्षकों में भी जो आपसी रजामंदी के आधार पर अंतर जिलों में जाना चाहेंगे, उनपर यह न्यूनतम समय सीमा की शर्त लागू नहीं होगी। इसके अलावा 60 फीसदी के अधिक दिव्यांगता वाले शिक्षकों को एक जिले से दूसरे जिले में तबादला करवाने के लिए कोई शर्त नहीं रहेगी।

सीएंडवी और जेबीटी का जिला कैडर है। सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति करते समय पांच जिलों का विकल्प दिया था। गृह जिले में वापसी के लिए सरकार ने पहली नियुक्ति वाले स्कूल में न्यूनतम 13 साल सेवाएं देने की शर्त रखी थी। इस शर्त के चलते जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को अपने गृह जिलों में वापसी के लिए लंबा वनवास भुगतना पड़ता था।

अब नीति में संशोधन होने से अंतर जिलों में तबादलों के लिए पांच वर्ष की सेवा पूरी करनी होगी। इसमें अनुबंध सेवाकाल को भी जोड़ा जाएगा।  उधर, हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष डॉ. मामराज पुंडीर ने कहा है कि आठ अगस्त 2021 को मंडी में आयोजित प्रांत अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने जेबीटी और सीएंडवी के स्थानांतरण नीति को संशोधित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के हजारों अध्यापकों की जीत है।

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