शिमला- जसपाल ठाकुर
करुणामूलक संघ ने प्रदेशाअध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में राजभवन पहुंचा व माननीय राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर जी से भेंट की व उनके समक्ष करुणामूलक परिवारों की पीड़ा उजागर की और बताया कि करुणामूलक परिवार 15-20 सालों से नोकरी को तरस रहे है लेकिन प्रदेश सरकार ना तो इन परिवारों को नोकरी दे रही उल्टा कुछ न कुछ आपति लगाकर बाहर का रास्ता दिखा रही है|
प्रदेशाअध्यक्ष अजय कुमार ने बताया की संघ पिछले लम्बे समय से संघर्षरत है व ऐसा कोई जनमंच नही है| जहाँ पर करुणामूलक संघ ने नोकरी की गुहार नही लगाई है| इतना ही नही सब विधायकों और मंत्रियों के घर ज्ञापन सहित पहुंचे है और इन परिवारों को हमेशा दरकिनार किया गया है| इतना ही नही संघ ने ये भी बताया की करुणामूलक संघ पिछले 34 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर है| पर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई भी ना इन परिवारों से मिलने आया है न सुध बुध ली है|
अगर ऐसा ही इन परिवारों के साथ भेदभाव की निति अपनाई गयी और यदि प्रदेश सरकार ने संघ को बार्तालाप् के लिए नही बुलाया तो क्रमिक अनशन अनिश्चितकाल तक चलेगा, इतना ही नही हर रोज इन परिवारों को बारिश में बर्षाशालिका में बर्षा में सोना पड़ता है l पर प्रदेश सरकार के कानों में अभी तक जूं तक नही रेंगी है|
करुणामूलक संघ ने बताया की कैसे इन परिवारों के साथ अन्याय हुआ है, व इनके सर पर माता या पिता या फिर माता पिता दोनों का साया नही है, संघ ने बताया माता या पिता के गुजर जाने के बाद इनको किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ा, और आज इन परिवारों की हालत इतनी दयनीय है कि इनको काफी दिक्तों का सामना करना पड़ रहा है|
इतना ही नही इन परिवारों को कोविड काल में इनको दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है अंत में इन परिवारों का दुखड़ा सुन कर माननीय राज्यपाल ने इनको आश्वाशन दिया कि जल्द एक दो दिनों के अंदर मुख्यमंत्री से मिलेंगे व इस करुणामूलक नोकरी बहाली मुद्दे में हस्तक्षेप करेंगे , व जल्द करुणामूलक परिवारों को राहत दी जायेगी ,
करुणामूलक संघ की मांगे निम्न है
1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों को जो 7/03/2019 की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको One Time Settlement के तेहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं |
2) करुणामूलक आधार पर नोकरियों वाली पॉलिसी में संसोधन किया जाए व उसमे Rs 62500 एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए
3) योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणीयो में नौकरी दी जाऐ
4) 5% कोटा शर्त को हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तोर पर नियुक्तियाँ दे सके
5) जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए
6) जिनके कोर्ट केस बहाल हो गए है उन्हें भी नियुक्तियाँ दी जाए |