नवजात शिशु को जन्म देने वाली नाबालिग 12वीं कक्षा की छात्रा है। उसने लोकलाज के भय से जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को गोबर के ढेर में फेंककर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया।
सिरमौर, व्यूरो
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के उपमंडल शिलाई की शंखोली पंचायत में नवजात शिशु को गोबर के ढेर में फेंकने की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटों के भीतर सुलझा ली है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि नवजात को फेंकने वाली लड़की नाबालिग है। वह 12वीं कक्षा की छात्रा है।
पुलिस पूछताछ में लड़की ने अपने ही जीजा पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं। इसके बाद पुलिस ने जीता पर दुष्कर्म और पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। नाबालिग के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
नवजात शिशु को जन्म देने वाली नाबालिग 12वीं कक्षा की छात्रा है। उसने लोकलाज के भय से जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को गोबर के ढेर में फेंककर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया।
लड़की ने अपने बयान में बताया है कि उसके जीजा ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद वह गर्भवती हो गई। फिलहाल, नवजात बच्ची नाहन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ ले रही है।
उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट की अध्यक्षता में बैठाए गए मेडिकल बोर्ड में बच्ची की सेहत की जांच चल रही है। इसके बाद नवजात को आगामी देखरेख और पालन पोषण के लिए सिरमौर जिले की बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया जा सकता है।
उधर, पांवटा साहिब के डीएसपी बीर बहादुर ने बताया कि नवजात को जन्म के बाद लावारिस छोड़ने पर लड़की के खिलाफ आईपीसी की धारा 317 और आरोपी जीजा के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 व पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।