व्यूरो, रिपोर्ट
कोविड व मंहगाई के संकट में प्रदेश सरकार एक बार फिर से गरीबों को ऊंट के मुंह में जीरा देने की तैयारी में है। जुलाई से तीन लाख से ज्यादा एनएफएसए के अंर्तगत आने वाले बीएपीएल व अंत्योदय परिवारों को तीन रुपए सस्ता सरसों का तेल दिया जाएगा। खाद्य एवं आपूर्ती निगम ने जुलाई के लिए भी हरियाणा की हैफेड कंपनी के साथ टेंडर फाइनल कर दिया है। हांलाकि जून यानी इस माह भी सरकारी डिपुओं में सरसों के तेल की खरीद हैफेड कंपनी से ही की जा रही है।
पिछले माह तीन कंपनियों के साथ निगम ने टेंडर कैंसिल किए थे। अंत में हरियाणा की कंपनी के साथ ही शॉर्ट टर्म टेंडर किए गए, लेकिन इस बार भी किसी भी कंपनी का टेंडर न आने की वजह से निगम ने जुलाई में भी हैफेड कंपनी को सरसों तेल की खरीद को लेकर जिम्मेदारी दी है। बताया जा रहा है कि बीपीएल के जिन परिवारों को जून में जहां पहले 155 रुपए में तेल मिल रहा था, तो वहीं अब 152 रुपए में मिलेगा।
इसमें केवल तीन रुपए कम किए गए हैं। इसके अलावा एपीएल परिवारों की बात करें तो करीब 12 लाख से ज्यादा परिवारों को दो रुपए सस्ता यानी 160 की बजाय जुलाई में 158 रुपए प्रतिकिलो सरसों का तेल मिलेगा। इसके अलावा एपीएल परिवारों को जुलाई माह में भी राहत नहीं मिलेगी। उन्हें अगले महिने भी 175 रुपए महंगा तेल मिलेगा।
निगम से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा की कंपनी से सस्ता तेल मुहैया करवाने को लेकर सहमति बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन कंपनी ने भी महंगाई का हवाला देकर तीन रुपए से ज्यादा कटौती करने से मना कर दिया। अब सवाल यह है कि मई में जो तेल बीपीएल परिवारों को 103 रुपए में मिलता था, उसे जून में 155 कर दिया, और अब जुलाई में तीन रुपए तेल सस्ता करने का दावा कर उपभोक्ताओं को राहत देने की बात कही जा रही है।
कोरोना संकट के बीच अब लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। निगम अधिकारियों की माने तो बाजार मूल्य की अपेक्षा डिपो में उपभोक्ताओं को यह तेल 30 से 35 रुपए तक सस्ता मिलेगा।