अच्छा रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को इंसेंटिव देने पर भी विचार, पहली बार इन विशेष स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा एडमिनिस्ट्रेटर।
हिमखबर डेस्क
हिमाचल में सीबीएसई एफिलिएशन से चलने वाले सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की फिक्स पोस्टिंग होगी, यानी इन स्कूलों में तैनात किए जानेे टीचर्स के पद नॉन ट्रांसफरेबल बनाए जा रहे हैं। इसके लिए सभी शिक्षकों को इन स्कूलों में तैनात होने के लिए टेस्ट देने का मौका दिया जाएगा।
जिन स्कूलों के लिए ऑप्शन नहीं आएंगे, उनके लिए सीधी भर्ती भी की जा सकती है। इस तरह से यह कैडर ही अलग हो जाएगा। अच्छा रिजल्ट देने पर सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों को इन्सेंटिव देने पर भी विचार चल रहा है।
इन स्कूलों में योग, म्यूजिक, स्पोट्र्स के अलावा स्कूल एडमिनिस्ट्रेटर एक अलग पोस्ट होगी। दिसंबर महीने की कैबिनेट में यह पूरा प्रोपोजल जा रहा है। पहले चरण में राज्य सरकार 100 स्कूलों को सीबीएसई में कन्वर्ट कर रही है।
शिक्षा विभाग की कोशिश है कि उनके लिए अलग कैडर ही बनाया जाए। इन स्कूलों में शिक्षकों को फिक्स पोस्टिंग देने पर काम चल रहा है। विकल्प लेने के बाद यदि कुछ स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली रह जाएंगे, तो उसके लिए डायरेक्ट रिक्रूटमेंट की व्यवस्था भी अपनाई जा सकती है।
इस व्यवस्था के जरिए पांगी या तीसा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षक भेजे जा सकेंगे। इन स्कूलों में शिक्षकों के चयन के लिए रिटन टेस्ट और इंटरव्यू दोनों हो सकते हैं। इसी आवेदन फार्म में टीचर से प्रेफरेंस भी ली जाएगी।
शिक्षा विभाग दरअसल नवोदय या केंद्रीय विद्यालयों की तरह यहां सिस्टम लागू करने का विचार कर रहा है। यदि टीचर का क्लास रिजल्ट या सब्जेक्ट का रिजल्ट खराब आया तो सर्विस नियमों के अनुसार ही कार्रवाई होगी।
लेकिन दूसरा लाभ यह भी है कि अच्छा काम करने पर सीबीएसई स्कूलों में इन्सेंटिव भी जोड़ा जा रहा है। यह इंसेंटिव किस रूप में होगा, इसका पता मंत्रिमंडल में जाने वाले ड्राफ्ट से चलेगा।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर के बोल
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने बताया कि पहले चरण में 100 स्कूलों को सीबीएसई में कन्वर्ट करने के लिए प्रक्रिया चल रही है और आधे से ज्यादा स्कूलों के दो चरण पूरे हो गए हैं। शिक्षा विभाग इन स्कूलों के लिए अलग व्यवस्था चाहता है। इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर चर्चा चल रही है।

