टांडा मेडिकल कालेज में दो दिन से डाउन चल रहे सर्वर ने बढ़ाई लोगों की दिक्कतें, दिन भर में बन रहे सिर्फ 10-20 प्रमाण पत्र
काँगड़ा – राजीव जस्वाल
डाक्टर राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र सर्वर डाउन के कारण नहीं बन रहे हैं। पिछले दो दिनों से सर्वर डाउन होने के कारण जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र बनने में कई घंटों का समय लग रहा है, जिसकी वजह से दूरदराज से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र लेने आने वाले लोगों को भारी परेशानियों को झेलना पड़ रहा है।
करीब दो दिन से एक प्रमाणपत्र को बनाने में आधे घंटे से भी अधिक समय लग रहा है। जहां एक माह पहले एक दिन में करीब 70 से 90 जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाते थे, वहीं अब बड़ी मुश्किल से 10 से 20 प्रमाणपत्र ही बन पा रहे हैं, जिसकी वजह से जन्म प्रमाणपत्र लेने वालों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही है, जिसके कारण घंटों लाइन में लगने के बाद भी कई बार जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं।
सबसे ज्यादा बुजुर्ग और महिलाओं को परेशानियों को झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। विदित है कि प्रदेश के दूसरे बड़े डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में प्रदेश के छह जिलों चंबा, मंडी, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू और 15 लाख की आबादी वाले सबसे बड़े जिला कांगड़ा से मरीज उपचार कराने या जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए यहां पहुंचते हैं।
करीब पिछले दो दिनों से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सबसे ज्यादा मुश्किलें सामने आई हैं। जब से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम सीआरएस को अपग्रेड किया गया है तथा नया सॉफ्टवेयर एडॉप्ट किया गया है तब से यह अपग्रेडेड सीआरएस सॉफ्टवेयर ज्यादातर हैंग होने के साथ साथ बहुत स्लो चल रहा है जिसके चलते एक जन्म प्रमाणपत्र बनने में बहुत समय लग रहा है।
जाहिर सी बात है की चंबा या अन्य जिलों से जन्म प्रमाण पत्र लेने वाले लोगों को सॉफ्टवेयर हैंग या स्लो होने की स्तिथि में अगले दिन तक यहां रुकने को मजबूर होना पड़ रहा है और अगले दिन भी प्रमाणपत्र बन जाए इसकी कोइ गारंटी नहीं। हालांकि टांडा अस्पताल का स्टाफ पूरी कोशिश कर रहा है कि किसी को कोइ परेशानी न झेलनी पड़े, परंतु अपग्रेडेड सीआरएस सॉफ्टवेयर के हैंग और स्लो चलने के कारण इन कर्मचारियों के भी हाथ खड़े हो रहे हैं।
हालांकि यह अपग्रेडेड सॉफ्टवेयर पूरे भारत में किया गया है लेकिन सबसे ज्यादा बड़े अस्पतालों को इसकी मार झेलनी पड़ती है जहां प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में मरीज पहुंचते हैं। अपग्रेडेड सॉफ्टवेयर के हैंग होने की स्तिथि में इसकी सूचना से भी अवगत करवाया जा रहा है, परंतु अभी तक कोइ स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है।
प्रधानाचार्य डाक्टर मिलाप शर्मा के बोल
टांडा अस्पताल के प्रधानाचार्य डाक्टर मिलाप शर्मा ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं हैं, परंतु अगर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं, तो तुरंत समाधान किया जाएगा, ताकि दूर दराज के मरीजों को परेशानियां ना झेलनी पड़े।