चंबा जोत द्रमन मार्ग को मिले राष्ट्रीय मार्ग का दर्जा।
चम्बा – भूषण गुरूंग
आकांक्षी जिला चंबा को वर्ष 2016 में द्रम्मन-चंबा हाईवे का एक वादा मिला था, जिससे जिले के सड़क नेटवर्क में सुधार की उम्मीद जगी थी। लेकिन, आठ वर्षों के बाद भी यह परियोजना केवल सैद्धांतिक मंजूरी तक ही सीमित रही है।
केंद्र सरकार ने देशभर के 117 पिछड़े जिलों में शामिल चंबा को विकास के लिए चुना है, जिससे जिलेवासियों को उम्मीद थी कि अब ज़मीनी स्तर पर भी विकास कार्य दिखाई देंगे।
दूर दराज का इलाका और सड़कें: विकास की प्राथमिकता
चंबा एक दूर-दराज का इलाका है, जो अन्य क्षेत्रों से दूरी के कारण पिछड़ा हुआ है। यहां तक कि सरकारी कर्मचारी भी तबादलों के समय इस जिले में जाने से बचने की कोशिश करते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में भी स्थिति कठिन है, क्योंकि गंभीर मरीजों को अधिकतर टांडा भेजना पड़ता है।
यदि द्रम्मन-जोत-सिहुंता मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिल जाए, तो यह दूरी 60 किमी तक कम हो सकती है। आपातकालीन स्थिति में मरीजों के लिए समय की बचत किसी वरदान से कम नहीं होगी।
पर्यटन की संभावनाएं और राष्ट्रीय राजमार्ग का महत्व
चंबा में कई सुंदर पर्यटन स्थल हैं, लेकिन संकीर्ण सड़कों के कारण ये पर्यटन स्थल पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए हैं। यदि इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जाता है, तो जोत, चुराह, और पांगी जैसे खूबसूरत इलाके भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकेंगे। इससे पर्यटन उद्योग को भी नई गति मिलेगी, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होगा।
स्थानीय निवासियों की मांग और सांसद से अपील
चंबा के निवासियों, जिनमें नितिन शर्मा, शौर्य सिंह राणा, प्रवीण पुरी, अभिषेक ठाकुर, हितेश बेदी, मृणाल शर्मा, साहिल वशिष्ठ, कनव शर्मा, रितेश गुप्ता, संजय कुमार, मनीष राणा शामिल हैं, ने चंबा-कांगड़ा के सांसद से आग्रह किया है कि इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जाए।