सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश के नाहन के रानीताल निवासी ईशा खान ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से एम्स में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर चयनित होकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आईजीएमसी शिमला से नर्सिंग की पढ़ाई करने वाली ईशा (23)ने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा को अपने पहले ही प्रयास में पास किया साथ ही देश में 684वां रैंक प्राप्त किया।
पूरे इलाके में प्रेरणा का स्रोत बन चुकी ईशा खान ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। उनके पिता कमल फिरोज (बॉबी) पांवटा साहिब में एक फैक्ट्री में काम करते हैं, जबकि उनकी मां सिलाई का काम करती हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उनके माता-पिता ने अपनी बेटी के सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की।
ईशा भी इस बात को मानती हैं और कहती हैं, “आज जो भी हूँ, वह अपने माता-पिता की कड़ी मेहनत और उनके अटूट समर्थन की वजह से हुं। उन्होंने मेरे सपनों को अपना सपना बना लिया था। और हर मुश्किल परिस्थिति में मेरा साथ दिया।ईशा की सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
यह कहानी साबित करती है कि अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता। पांवटा साहिब में द स्कॉलर्स होम से पढ़ाई करने के बाद ईशा को आइजीएमसी शिमला में बीएससी नर्सिंग में दाखिला मिला था। ईशा खान की इस उपलब्धि से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरा नाहन गर्वित महसूस कर रहा है।
उनकी यह सफलता उनके परिवार की संघर्ष की कहानी को भी बयां करती है, जहां हर कदम पर कठिनाइयाँ थीं, लेकिन ईशा और उनके परिवार ने हार नहीं मानी। ईशा को इस उपलब्धि पर चारों तरफ से बधाइयाँ मिल रही हैं।