धर्मशाला – हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की इंस्पैक्शन टीम बता ज्वालामुखी के एक निजी स्कूल से शातिरों ने 80,670 रुपए ऐंठे हैं। आरोपियों ने नकद राशि सहित विभिन्न खातों में ऑनलाइन पेमैंट विभिन्न मोबाइल नंबरों के माध्यम से करवाई लेकिन प्रबंधन की ओर से जब स्कूल रिकोगिनेशन कॉपी मांगी तो टाल-मटोल करने लगे और स्कूल को बंद करवाने की धमकी देने लगे और फोन बंद कर दिया।
अब स्कूल प्रबंधन ने इस ठगी को लेकर पुलिस की वैबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस थाने में ब्लू डायमंड कॉन्वैंट स्कूल सुधगंल तहसील ज्वालामुखी के स्कूल सैक्रेटरी/प्रबंधक शिव कुमार ने कहा कि 11 अप्रैल को 5-6 व्यक्ति प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की इंस्पैक्शन टीम बताकर आए थे।
इसमें एक व्यक्ति ने अपना नाम संजीव कुमार बताया और टीम का हैड बताया और स्कूल इंचार्ज डिंपल शर्मा को कहा कि उनके स्कूल की शिकायत मिली है कि प्ले स्कूल की जगह वे बड़े बच्चों की क्लास भी बैठा रहे हैं। इस पर स्कूल इंचार्ज ने कहा कि उन्होंने स्कूल अपग्रेडेशन की प्रक्रिया चलाई है और इस संबंध में दस्तावेज भी दिखाए।
संजीव ने इस दौरान कहा कि स्कूल में कमियां हैं और स्कूल को बंद करना पड़ेगा तथा साथ ही कम से कम 1 से डेढ़ लाख रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। इस दौरान संजीव ने स्कूल प्रबंधन को गुमराह करते हुए डराया-धमकाया और स्कूल से 35 हजार रुपए नकद तथा फाइन के रूप में 30 हजार रुपए अपने सहयोगी पवन कुमार की पत्नी के खाते में मोबाइल नंबर के माध्यम से ऑनलाइन 12 अप्रैल 2024 को लिए।
इसके बाद आरोपी ने 22 अप्रैल को रिकोगिनेशन फीस के नाम पर 10,670 रुपए अपने पर्सनल मोबाइल नंबर पर डलवाए तथा 23 अप्रैल को भी 5 हजार रुपए स्कूल नोटिस के नाम पर लिए। आरोपी ने कहा था कि 30 अप्रैल को स्कूल रिकोगिनेशन की कॉपी मिल जाएगी लेकिन जब स्कूल प्रबंधन को कॉपी नहीं मिली तो संजीव कुमार टालने लगा।
जब काम के लिए ज्यादा दबाव डाला और काम न होने पर पैसे वापस करने के लिए कहा तो संजीव कुमार धमकियां देने लगा कि स्कूल को बंद करवा देगा। जिस पर प्रबंधन ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। मेरे ध्यान में ऐसा मामला नहीं है। एसएचओ ज्वालामुखी विजय कुमार ने कहा कि शिकायत मिलेगी तो इस पर कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत पत्र में जिन व्यक्तियों का जिक्र वे बोर्ड के कर्मी नहीं : शर्मा
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि उक्त स्कूल की ओर से बोर्ड में संबद्धता के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं किया गया है। शिकायत पत्र में जिन व्यक्तियों का जिक्र किया गया है, वे बोर्ड के कर्मी नहीं हैं। संबद्धता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है और संबद्धता शुल्क ऑनलाइन ही जमा होता है।
अभी तक ज्वालामुखी पुलिस से इस घटना बारे कोई लिखित में शिकायत नहीं आई है। शिकायत आती है तो ज्वालामुखी पुलिस से आग्रह किया जाएगा कि जो बोर्ड को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने निजी स्कूल प्रबंधकों से भी आग्रह किया है कि जब कोई निरीक्षण टीम बोर्ड के नाम से स्कूल में आए तो उनके निरीक्षण संबंधित ऑर्डर चैक किए जाएं। कोई लिखित ऑर्डर न दिखाए तो उसकी शिकायत बोर्ड या पुलिस को करें।