टांडा में पहली बार ट्रिपल वाल्व हार्ट सर्जरी कर डॉक्टरों ने दिया नया जीवनदान, सीटीवीएस विभाग की टीम ने चंबा की महिला को दिया नया जीवन, आइजीएमसी शिमला व पीजीआइ चंडीगढ़ के चक्कर भी लगा चुकी थी महिला
हिमखबर डेस्क
डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में पहली बार ट्रिपल वाल्व हार्ट सर्जरी कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कॉर्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी (CTVS) विभाग की टीम ने चंबा के सिहुंता की 55 वर्षीय कांता कुमारी को नया जीवन दिया।
पीड़िता के तीन वाल्व हो गए थे खराब
कांता कुमारी की हालत स्थिर है। हृदय रोग विभाग के सघन चिकित्सा वार्ड (आइसीयू) में भर्ती कांता कुमारी खाना भी खा रही हैं और स्वजन से बात भी कर रही हैं। कांता कुमारी वातग्रस्त हृदय रोग (रूमेटिक हार्ट डिसीज) से पीड़ित थी। इससे उसके दिल के तीन वाल्व खराब हो गए थे तथा हृदयाघात का खतरा बढ़ गया था।
वह पहले इससे संबंधित सर्जरी के लिए आइजीएमसी शिमला व पीजीआइ चंडीगढ़ के चक्कर काट चुकी थी, लेकिन बात नहीं बनी। थक हारकर महिला टांडा मेडिकल कॉलेज के सीटीवीएस विभाग में जांच के लिए पहुंची। विशेषज्ञों ने उसकी गहनता से जांच की और सर्जरी करने का निर्णय लिया।
तीसरे वाल्व किया गया रिपेयर
सीटीवीएस विशेषज्ञ डॉ. देशबंधु व डा. विकास पंवर ने बताया कि कांता के हृदय के दो वाल्व बदले गए हैं। तीसरे में रिंग डाला है यानी उसे रिपेयर किया गया। सर्जरी 20 अप्रैल को की गई। हृदय रोग विभाग के आइसीयू में भर्ती महिला की हालत स्थिर है। वह खाना भी खा रही है और स्वजन से बात भी कर रही है।
छह से सात घंटे का लगा समय
डॉ. विकास पंवर ने बताया कि यह एक जटिल सर्जरी थी। इसमें छह से सात घंटे का समय लगा। हृदय का एक वाल्व बदलने की सर्जरी सीटीवीएस विभाग में पिछले साल कई की थीं, लेकिन ट्रिपल वाल्व हार्ट सर्जरी टांडा मेडिकल कालेज में पहली बार की गई है।
ये रहे टीम में शामिल
सीटीवीएस विभाग के विशेषज्ञ डॉ. देशबंधु, डॉ. विकास पंवर, डा. विकास गुप्ता व डॉ. बृज के साथ एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. भारती, डॉ. धीरज व कामिनी, पैरामेडिकल स्टाफ में वार्ड सिस्टर पूनम, अनिल, वैशाली, परफ्यूनिस्ट महेश, ओटीए पंकज, स्टाफ नर्स नेहा व मनु।
डॉ. मिलाप शर्मा, कार्यकारी प्राचार्य टांडा मेडिकल कॉलेज के बोल
ट्रिपल वाल्व हार्ट सर्जरी कर टांडा मेडिकल कालेज के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसमें संस्थान के विशेषज्ञों की अपने कार्य के प्रति लगन झलकती है। इसके लिए सीटीवीएस विभाग की पूरी टीम व अन्य स्टाफ को बधाई।
सीटीवीएस विभाग के विशेषज्ञों ने प्रदेश के हृदय रोगियों के उपचार की संभावनाओं को और बढ़ाया है। निश्चित रूप से हिमाचल के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।