धर्मशाला – राजीव जस्वाल
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला मुख्यालय के युवाओं को एमईएस और सेना की आगामी भर्तियों में भर्ती करवाने के नाम पर ठगने वाला पठानकोट का युवक खुद को सेना कमांडर की ओर से नियुक्त किया गया एजेंट बताता था।
इस दौरान वह लोगों को झांसे में लेने के लिए अपने पास सेना कमांडर की ओर से साइन किया गया एक फर्जी दस्तावेज दिखाता था। जबकि रिमांड पर चल रहे युवक से अभी भी पुलिस पूछताछ जारी है।
जानकारी के अनुसार सेना में भर्ती करवाने के नाम पर ठगने वाले पठानकोट निवासी संदीप के पास एक फर्जी प्रमाणपत्र मिला है, इसमें सेना के कमांडर के नाम का अथॉरिटी लेटर है, जिसमें उसे सेना के लिए पात्र युवाओं का चयन करने के लिए अधिकृत किया गया बताया गया है।
आरोपी संदीप यही दस्तावेज दिखाकर युवाओं को ठगने का प्रयास कर रहा था, जिसके झांसे में सिद्धपुर धर्मशाला का एक युवक आया था और युवक ने उसे 20,000 रुपये भी दे दिए थे।
इस दौरान आरोपी संदीप ने नौकरी के नाम पर ठगने वाले युवक ने पूछताछ में किया खुलासा कि युवक और उसके परिजनों को आश्वस्त किया था कि अगले वर्ष जब भी सेना की भर्ती होगी तो वह उनके लड़के को भर्ती करवा देगा। वहीं, पुलिस को आरोपी के पास से एक मोबाइल भी मिला है, जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है।
यह था मामला
धर्मशाला पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर युवाओं से पैसे ऐंठने के आरोपी एक पठानकोट के युवक को गिरफ्तार किया था। युवक क्षेत्र के युवाओं को सेना में भर्ती करवाने का झांसा देकर पैसे ऐंठ रहा था। गिरफ्तार किए गए आरोपी से मौके पर कुछ युवाओं के दस्तावेज भी बरामद हुए थे।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि आरोपी युवक स्वयं नौकरी की तलाश में धर्मशाला पहुंचा था और यहां पर पेंटर का कार्य कर रहा था। लेकिन यह कार्य अधिक न चलने के कारण उसने युवाओं को सेना में भर्ती करवाने का झांसा दे कर ठगने का काम शुरू कर दिया।
शालिनी अग्निहोत्री, एसपी कांगड़ा के बोल
युवाओं को सेना में भर्ती करवाने के नाम पर ठगने वाले गिरफ्तार किए गए युवक के पास पुलिस को एक फर्जी प्रमाण पत्र मिला है। इस फर्जी प्रमाणपत्र में युवक को सेना भर्ती में पात्र युवाओं को भर्ती करवाने के लिए अधिकृत बताया गया है, जो कि फर्जी है। वहीं, पुलिस ने आरोपी के मोबाइल को भी कब्जे में लिया है, जिसकी पड़ताल चल रही है।