सोलन – रजनीश ठाकुर
आपदा की इस घड़ी में सीमैंट उद्योग प्रदेश की परेशानी बढ़ाने वाले हैं। प्रदेश में सीमैंट कंपनियों ने दाम बढ़ाने की तैयारी कर ली है। प्रदेश में सीमैंट के दाम 15 रुपए प्रति बैग तक बढ़ाए जा सकते हैं।
कुछेक कंपनियों ने अपने डीलरों को सीमैंट के 15 रुपए तक दाम बढ़ाने का मैसेज भेज दिया है। प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से भारी नुक्सान हुआ है। अभी तक 10 हजार करोड़ रुपए के नुक्सान का आकलन किया गया है।
भारी बारिश से जहां 2500 मकान जमींदोज हो चुके हैं वहीं 10 हजार से अधिक मकानों को नुक्सान हुआ है। हिमाचल में पुनर्वास कार्यों में सीमैंट की डिमांड बढ़ने वाली है। उससे पहले ही सीमैंट कंपनियों ने दाम बढ़ाने की योजना बना ली है।
इससे पूर्व 5 जुलाई व 3 दिसम्बर को भी इसी तरह का मैसेज भेजा गया था। जुलाई में जहां सीमैंट 5 रुपए महंगा हुआ था वहीं 12 दिसम्बर को सीमैंट के दाम 5 रुपए बढ़ गए थे।
हालांकि दिसम्बर माह के बाद प्रदेश में सीमैंट के दाम जुलाई महीने तक नहीं बढ़े थे क्योंकि दिसम्बर माह में मालभाड़े के विवाद के चलते अडानी ग्रुप ने अम्बुजा व एसीसी सीमैंट उद्योग में तालाबंदी कर दी थी।
अब सीमैंट कंपनियों ने पहले से ही महंगाई से परेशान आम आदमी को एक और झटका देने की तैयारी कर ली है। हालांकि सीमैंट के दामों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। अब देखना है कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।
सोलन में वर्तमान में सीमैंट के बैग की कीमत 430 रुपए है। यदि पूरे प्रदेश की बात करें तो सीमैंट का बैग 430 रुपए से 525 रुपए प्रति बैग बिक रहा है।
पिछले करीब साढ़े 5 वर्षों में सीमैंट के दामों में 150 से 200 रुपए प्रति बैग की वृद्धि हुई है। बता दें कि पड़ोसी राज्यों में सीमैंट सस्ता है और जहां पर उत्पादन हो रहा है, उस राज्य में सीमैंट महंगा हो गया है।