राजनीति: मंत्री पद के दावेदारों ने दिए सियासी महाभारत छेड़ने के संकेत, सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल

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राजेंद्र राणा की सोशल मीडिया पर पोस्ट से सियासी महाभारत हुई शुरू, इसके बाद धर्मशाला से कांग्रेस विधायक भी सियासी रण में कूद पड़े। 

शिमला – नितिश पठानियां

हिमाचल प्रदेश में मंत्री पद की रेस में शामिल दावेदारों ने सियासी महाभारत छेड़ने के संकेत दिए हैं। सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजिंदर राणा और धर्मशाला से कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

राजेंद्र राणा की सोशल मीडिया पर पोस्ट से सियासी महाभारत शुरू हुआ। इसके बाद धर्मशाला से कांग्रेस विधायक भी सियासी रण में कूद पड़े।

राजिंदर राणा का सोशल मीडिया पर किया गया पोस्ट

“जो विवादों से दूर रहते हैं, वही दिलों पर राज करते हैं,
जो विवादों में उलझ जाते हैं, वे अक्सर दिलों से भी उतर जाते हैं,

महाभारत का प्रसंग देखिए:

पांडवों ने सिर्फ पांच गांव ही तो मांगे थे और दुर्योधन ने सुई की नोक के बराबर भी जमीन देने से इंकार कर दिया था। एक जिद ने महाभारत रच दिया। सुकून भरी जिंदगी के लिए विवादों से दूरी, है बेहद जरूरी।

सुधीर शर्मा का पोस्ट

तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान।
भीलां लूटी गोपियाँ, वही अर्जुन वही बाण॥

इसका मतलब हुआ कि तुलसीदास जी कहते हैं, समय ही व्यक्ति को सर्वश्रेष्ठ और कमजोर बनता है। अर्जुन का वक्त बदला तो उसी के सामने भीलों ने गोपियों को लूट लिया जिसके गांडीव की टंकार से बड़े-बड़े योद्धा घबरा जाते थे।

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राजिंदर राणा ने भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार प्रो. प्रेम कुमार धूमल को चुनाव में हराया था। साल 2022 में कांग्रेस जब सत्ता में आई, तो उन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चा हुई। लेकिन अब तक मंत्री पद के लिए उनका नाम फाइनल नहीं हो पा रहा है। इस बीच राजिंदर राणा की फेसबुक पर यह पोस्ट चर्चा का विषय बन गई है।

जिला हमीरपुर की सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजिंदर राणा हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उन्हें प्रतिभा सिंह कैंप का माना जाता है। ऐसे में मंत्रिमंडल में उनका नाम शामिल होने पर लगातार संशय बना हुआ है।

मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से हैं। राणा की सीट भी हमीरपुर में ही आती है।

ऐसे में क्षेत्रीय संतुलन को देखते हुए भी मंत्री पद से उनकी दूरी बढ़ रही है, लेकिन सवाल यह है कि भारतीय जनता पार्टी में पीढ़ी परिवर्तन करने वाले राजिंदर राणा को पार्टी आखिर साइड लाइन क्यों कर रही है और राजिंदर राणा का महाभारत का उदाहरण देकर यह पोस्ट लिखना आखिर किस ओर इशारा करता है।

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