मंडी – अजय सूर्या
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कीतरपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के एक हिस्से का काम बीते 3 महीनों से बंद पड़ा है। पंडोह बायपास टकोली प्रोजेक्ट का मुहाना माने जाने वाले डयोड के पास बीते तीन महीनों से शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी के काम पर ताला लटका हुआ है। कारण, ठेकेदारों को 10 महीनों से पेमेंट का भुगतान न होना।
पंडोह बायपास टकोली प्रोजेक्ट इस पूरे प्रोजेक्ट का सबसे महत्वपूर्ण भाग है क्योंकि यहां 10 टनलों का निर्माण किया जा रहा है। 5 टनलें बनकर तैयार हो चुकी हैं और बाकियों का काम चला हुआ है। इस प्रोजेक्ट का एंट्री प्वाइंट डयोड के पास है। यहां बन रही दो टनलों का काम बीते 3 महीनों से रुका हुआ है।
2600 करोड़ के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को एनएचएआई की तरफ से तो समय-समय पर पेमेंट का भुगतान किया जा रहा है लेकिन शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी आगे भुगतान नहीं कर पा रही है। यहां काम कर रहे ठेकेदारों द्वारा बार-बार गुहार लगाने के बाद भी जब कंपनी प्रबंधन ने कोई भुगतान नहीं किया तो ठेकेदारों को मजबूरन काम बंद करना पड़ा है।
आज आलम यह हो गया है कि कंपनी प्रबंधन सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस प्रोजेक्ट के काम को दोबारा शुरू करवाने की तरफ जरा भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। यदि गंभीरता दिखती तो शायद इतने लंबे समय तक काम को रोका नहीं जाता और काम दोबारा से शुरू हो चुका होना था।
यह वही प्रोजेक्ट है जिसका काम एक समय में इतनी तेज गति के साथ चल रहा था जिसका हर कोई मुरीद था। सिर्फ कोविड के दौरान कुछ समय के लिए काम बंद हुआ था लेकिन उसके बाद भी काम में कोई कमी नहीं आई थी। लेकिन अब तो ऐसा लग रहा है जैसे कंपनी प्रबंधन ने इस काम का न करने की ही कसम खा ली है।
शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी टीम लीडर आदर्श पन्होत्रा के बोल
वहीं, जब इस बारे में शाहपुरजी-पलौनजी कंपनी के टीम लीडर आदर्श पन्होत्रा से बात की गई तो उन्होंने माना कि बकाया भुगतान न होने के कारण काम रुका हुआ है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में कंपनी प्रबंधन द्वारा जल्द ही कोई निर्णय ले लिया जाएगा। सिर्फ डयोड टनल के पास काम रुका है जबकि बाकी प्रोजेक्ट का कार्य जारी है। 80 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष 20 प्रतिशत को भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुण चारी के बोल
वहीं, जब इस बारे में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुण चारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में लगी कंपनी को समय पर भुगतान किया जा रहा है। पेमेंट के मामले में एनएचएआई के स्तर पर कोई कमी नहीं है।