समग्र शिक्षा अभियान के तहत जारी वर्ष में किए सर्वेक्षण में हुआ खुलासा।
सिरमौर – नरेश कुमार राधे
जिला सिरमौर में 95 बच्चों ने अब तक स्कूल के दर्शन ही नहीं किए हैं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत जारी वर्ष में किए गए सर्वे में यह पाया गया है कि जिला सिरमौर में 95 ऐसे बच्चे हैं, जो कि छह से 14 वर्ष की आयु वर्ग के हैं, कभी स्कूल ही नहीं गए।
ये सभी ऐसे बच्चे हैं, जो कि प्रवासी मजदूर व बाहर से आने वाले कामगारों के परिवारों से हैं। जिला सिरमौर में कालाअंब, पांवटा साहिब इत्यादि औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसे प्रवासी कामगार वर्ग अपने परिवारों के साथ जिला में मजदूरी करने के लिए आते हैं, जिसमें उनके बच्चे भी शामिल रहते हैं, जो कि परिवारों के साथ कार्य में हाथ बंटाते हैं।
ऐसे में यह वर्ग पूरी तरह से आजीविका कमाने पर ही निर्भर रहता है। वहीं इन परिवारों के बच्चे शिक्षा जैसी बुनियादी आवश्यकता को पूरा करने में रुचि नहीं दिखाते हैं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस वर्ष किए गए सर्वे में जिला में 95 बच्चों को चिन्हित किया गया। वहीं अब इनके लिए अभियान के तहत ही नॉन रेजिडेंशियल स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर को शुरू किया जा रहा है।
डाइट नाहन के समन्वयक लेखराज ने बताया कि शिक्षा खंड सुरला, पांवटा व माजरा में ऐसे बच्चों के लिए एनआरएसटी सेंटर को शुरू किया जा रहा है, जिसमें समग्र शिक्षा अभियान के तहत ऐसे बच्चे को शिक्षा की मेन धारा से जोडऩे के लिए प्रोत्साहन के साथ टीएलएम, स्कूल की किताबें, शूज से लेकर सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं, ताकि शिक्षा से वंचित बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकें।
उधर, नई शिक्षा नीति के तहत सिरमौर में उन छात्रों का भी बेसलाइन सर्वे सभी शिक्षा खंडों में शुरू हो गया है, जिसमें स्कूल ड्राप आउट बच्चे शामिल हैं।
ड्राप आउट सर्वे शुरू
डाइट नाहन के समन्वयक लेखराज ने बताया कि जिला सिरमौर में 15 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों का ड्राप आउट सर्वे शुरू किया गया है, जिसमें ऐसे बच्चे जो कि पूर्व में स्कूल में गए, तो वहीं अब स्कूल छोड़ चुके हैं, को आगामी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
गौर हो कि स्कूल ड्राप आउट बच्चे जो कि अकसर दसवीं के बाद स्कूल छोड़ रहे हैं, को एसओएस के माध्यम से शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।