शिमला- जसपाल ठाकुर
केंद्रीय चुनाव आयोग के नए निर्देशों के बाद अब हिमाचल में भी एक लोकसभा और 3 विधानसभा हलकों के चुनाव फेस्टिवल सीजन के बाद तक टल गए हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने शनिवार को निर्देश जारी किया कि राज्यों के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर इन चुनावों को टाल दिया जाए।
इसमें कुछ राज्यों ने बाढ़ तो कुछ ने काेरोना संक्रमण, कुछ राज्यों ने फेस्टिवल सीजन आने की बात कहते हुए चुनावों को टालने की बात केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष की थी। चुनाव करवाने या न करवाने को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव से एक रिपोर्ट मांगी थी।
रिपोर्ट में साफ किया गया था कि राज्य अभी चुनाव चाहते हैं या किसी अन्य कारण से फिलहाल चुनाव नहीं चाहते। इसमें राज्यों की मंजूरी के बाद ही चुनाव होने थे इस पर हिमाचल सरकार की ओर से भी केंद्रीय चुनाव आयोग को चुनाव टालने की बात कही गई थी।
हिमाचल की ओर से कोरोना से लेकर फेस्टिवल सीजन दोनों का तर्क दिया गया था। अब हिमाचल में फेस्टिवल सीजन यानी दिवाली के बाद ही चुनाव होते दिख रहे हैं। हालांकि पहले यह उम्मीद थी कि जल्दी चुनाव हो जाएंगे दोनों ही राजनीतिक दलों ने चुनावों को लेकर अपनी तरफ से पूरी तैयारी शुरू कर दी थी। भाजपा और कांग्रेस की तरफ से चुनाव कमेटियों से लेकर चुनावी प्रभारियों की तैनाती हो गई थी। चुनाव की तैयारी में लगे नेताओं को यह झटका लगा है।
नेताओं को उम्मीद थी कि जल्दी चुनाव हो जाएं और चुनावी तैयारी का उन्हें लाभ मिल सके। लेकिन फिर से आने वाले समय में चुनावों के लिए तैयारी करनी होगी और उसके बाद भी वह अपने विपक्षी को हराने के लिए कमर कस सकेंगे।
हिमाचल में मंडी संसदीय सीट सहित तीन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के अलावा विधानसभा क्षेत्र जुब्बल कोटखाई, फतेहपुर और अर्की में उपचुनाव प्रस्तावित हैं।
बताया जा रहा है सरकार ने चुनाव आयोग को कोरोना संक्रमण, बरसात और त्योहारी सीजन को देखते हुए उपचुनाव टालने का तर्क दिया था। केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।