व्यूरो, रिपोर्ट
कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप थमने के बाद अब हिमाचल प्रदेश धीरे-धीरे अनलॉक होना शुरू हो गया है. आर्थिक गतिविधियों को चलाने के लिए पर्यटकों को भी बिना कोविड टेस्ट के आने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. लेकिन कोचिंग सेंटर अभी भी बंद हैं.
अब हिमाचल प्रदेश के एजुकेशन हब धर्मशाला के कोचिंग सेंटरों ने कोविड प्रोटोकॉल संग कोचिंग क्लासेज शुरू करने की अनुमति मांगी है. इसके लिए उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें कोचिंग सेंटर संचालकों ने कहा है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों से हजारों छात्रों को वंचित रहना पड़ रहा है.
ऑनलाइन सिस्टम में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अच्छी तरह नहीं हो पा रही है. इसके कारण छात्रों के साथ-साथ अभिभावक और अध्यापक भी परेशान हो रहे हैं. छात्रों का नुकसान होने के साथ कोचिंग संचालकों पर भी आर्थिक बोझ पड़ रहा है.
उपायुक्त कार्यालय कांगड़ा में एडीसी राहुल कुमार के समक्ष एससीए एकेडमी से मुनीष भारद्वाज, हेलियोस से सुलभ शर्मा, जेनिसिस के छवि कश्यप व विकास सभ्रवाल और गुरू स्टडी सेंटर से राशिद मोहम्मद ने प्रशिक्षण संस्थानों ने एक प्रार्थना पत्र सौंपा. इस प्राथना पत्र के माध्यम से सरकार को बताया गया कि विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों को कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वज़ह से भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.
प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से प्राथना की है कि प्रशिक्षण संस्थानों को विद्यालयों की श्रेणी में न रख के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करने का मौका प्रदान किया जाए. खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी समस्या कोचिंग संस्थानों का कहना है