शिमला – रजनीश ठाकुर
हिमाचल प्रदेश सरकार पर तीन दिन से चल रहा सियासी संकट थम गया है। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस हाईकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि सुखविंद्र सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे। पर्यवेक्षकों के मनाने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा भी वापस ले लिया। इसके बाद वह कैबिनेट बैठक में शामिल हुए।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट पर बड़ी खबर है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की सुबह पंचकूला में कांग्रेस विधायक और मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बागी विधायकों से मुलाकात की है। उन्होंने बागी विधायकों के साथ मीटिंग की है।
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा था कि बागी विधायक वापस आना चाहें तो उनका स्वागत है। बृहस्पतिवार शाम को ओकओवर शिमला में प्रेसवार्ता करते हुए सुक्खू ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करने वाले छह विधायक हमारे भाई हैं। इनकी गलती माफ की जा सकती है।
दो विधायकों की पत्नियों ने घर में आकर मुझसे बात भी की है लेकिन विधायक अभी हिमाचल से बाहर हैं, उनके पास फोन भी नहीं है। मेरी कमी रही कि मैं शराफत में रह गया। पूरे घटनाक्रम में खुफिया तंत्र का भी फेलियर रहा है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की हार की जिम्मेवारी भी ली। चुनाव टाई हुआ था। पर्ची से भाजपा को सीट मिली है।