शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल पॉवर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी, जो 10 मार्च से लापता थे, का शव बीते दिन भाखड़ा डैम से बरामद किया गया। इस घटना के बाद उनकी मौत को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। परिजनों का दावा है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि गहरी साजिश और प्रताड़ना का नतीजा है।
विमल नेगी के परिजन पॉवर कॉरपोरेशन के दफ्तर के बाहर शव के साथ धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने पॉवर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा और डायरेक्टर विद्युत देसराज पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल सस्पेंड करने और मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
चीफ इंजीनियर विमल नेगी के भाई , पत्नी, सहित अन्य परिवार के लोगो ने दोनों अधिकारियों पर विमल नेगी को गंभीर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं।
परिजनों का आरोप है कि दोनों अधिकारी विमल नेगी पर पेखुवाला और शांगटांग पॉवर प्रोजेक्ट से संबंधित फाइलों पर गलत साइन करवाने का दबाव बना रहे थे।
इसी दबाव के चलते विमल नेगी मानसिक तनाव में आ गए और उन्हें यह बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने कहा कि उनकी शिकायत के बावजूद सरकार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
परिवार का आरोप है कि यदि प्रशासन सक्रिय होता, तो एक ईमानदार अधिकारी को अपनी जान न गंवानी पड़ती।
प्रदर्शनकारी परिजनों ने चेतावनी दी है कि जब तक दोनों अधिकारियों को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक वे शव को पॉवर कॉरपोरेशन के दफ्तर के बाहर से हटाने को तैयार नहीं हैं।
इस घटना के बाद राज्य सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, और मंत्री जगत सिंह नेगी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की।
परिजन अब भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।