हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश के पहले पुलिस महानिदेशक (DGP) सेवानिवृत्त आईपीएस आई.बी. नेगी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनका जीवन अनुशासन, सेवा, और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक था। 31 अक्टूबर 1932 को किन्नौर जिले के सांगला गांव में जन्मे नेगी 1958 बैच के प्रतिष्ठित आईपीएस अधिकारी थे और उत्तर प्रदेश कैडर से जुड़े थे।
अपने लंबे और शानदार करियर में उन्होंने देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए अनेक महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं। आईबी नेगी हिमाचल प्रदेश से यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर बने पहले डायरेक्ट आईपीएस अधिकारी थे।
दिवंगत नेगी ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के ADC के रूप में कार्य किया और नैनीताल व लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (SP) रहे। इसके अलावा, उन्होंने CID, उत्तर प्रदेश, लखनऊ में भी सेवाएं दीं। उनके कार्यक्षेत्र में सिर्फ नागरिक पुलिस ही नहीं, बल्कि आईटीबीपी और एसएसबी जैसे अर्धसैनिक बल भी शामिल रहे, जहाँ उन्होंने एनईएफए और अरुणाचल प्रदेश में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। वे सीआईएसएफ, बोकारो के डीआईजी भी रहे।
1975 में राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (NDC) में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 1978 में दिल्ली पुलिस आयुक्तालय की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, वे सीआरपीएफ अकादमी, माउंट आबू के उप निदेशक और एसएसबी शिमला के निदेशक (DO) भी रहे। 1986 में उन्हें हिमाचल प्रदेश पुलिस के पहले डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने 1990 में सेवानिवृत्त होने तक प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
दिवंगत आईबी नेगी ने 1988 में इंटरपोल सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उनके अनुकरणीय कर्तव्यों और अनुशासनप्रिय सेवा भावना को देखते हुए, उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस सेवा पदक (PMS) से सम्मानित किया गया। उनका पूरा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित रहा। हिमाचल प्रदेश पुलिस उनके निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है।