हिमखबर डेस्क
बिहार चुनाव में स्टार प्रचारक बनाए गए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि अगर बिहार में इंडिया महागठबंधन की सरकार सत्ता में आती है, तो हिमाचल की तरह यहां भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाएगा।
इस प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री सुक्खू ने हिमाचल में ओपीएस को लागू करने को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया और इसे बिहार के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा आकर्षण बनाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो हम अपनी पहली कैबिनेट में ही पुरानी पेंशन योजनालागू करेंगे, जैसा हमने हिमाचल में किया।
उन्होंने बताया कि हिमाचल में ओपीएस बहाली के बाद 1.36 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ हुआ है और कई की पेंशन राशि 10 गुना तक बढक़र 30,000 से 35,000 हो गई है।
सुक्खू ने बिहार में 20 साल से सत्ता संभाल रहे एनडीए गठबंधन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन पर विकास को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। 20 सालों के शासन में राज्य में विकास के वे बदलाव नहीं दिखते हैं, जिनकी आवश्यकता थी।
उन्होंने पटना एयरपोर्ट से होटल तक के अपने सफर का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में फोर लेन सडक़ों की भारी कमी है, जहां बड़ी सडक़ें होनी चाहिए, वहां टू-लेन हैं।?
उन्होंने आकंड़े पेश करते हुए कहा कि बिहार की प्रति व्यक्ति आय जहां लगभग 87,000 है, वहीं हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 2.57 लाख है, जो विकास के अंतर को स्पष्ट करता है।
सुक्खू ने महागठबंधन की ओर से बिहार की जनता के लिए अन्य प्रमुख वादे भी दोहराए। प्रेस वार्ता के दौरान महागठबंधन के चुनाव घोषणा पत्र को भी सुक्खू ने मीडिया के साथ साझा किया।
उन्होंने कहा कि यहां सरकार बनी तो सभी योग्य लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही जनता को 25 लाख तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा।
सीएम ने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। विकास की राह पर चलने के बजाय, बिहार आज बेरोजग़ारी, पलायन और निराशा के भंवर में फँसता जा रहा है।


