हरोली/ऊना, अमित शर्मा
ऊना जिला में एक नाबालिग लड़की की शादी को लेकर बवाल हो गया है। मामला उपमंडल हरोली क्षेत्र के एक गांव से संबंधित है। यहां मुस्लिम परिवार की एक 15 वर्षीय किशोरी की 14 फरवरी को शादी की तारीख तय कर दी गई है लेकिन बाल विकास परियोजना विभाग ने इस शादी पर ऐतराज जताते हुए संबंधित परिवार को नोटिस जारी कर दिया। नोटिस ही नहीं, बल्कि टीम ने मौके पर जाकर लड़की के रिश्तेदारों को नियमों का हवाला देते हुए चेताया है और इसे गैर-कानूनी भी करार दिया है।
परिवार ने दिया मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला
उधर, दूसरी तरफ किशोरी के परिवार ने सीडीपीओ कार्यालय द्वारा जारी नोटिस को उनके धार्मिक मामले में दखल करार दिया है। परिवार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के हालिया उस फैसले का हवाला दिया है, जिसमें युवावस्था में प्रवेश करने पर मुस्लिम लड़की किसी से भी विवाह कर सकती है। परिवार का कहना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के नामी विद्वान सरदिनसा फरदूनजी मुल्ला द्वारा लिखित मोहम्मडन कानून के सिद्धांतों की किताब के अनुच्छेद 195 का जिक्र करते हुए विभाग को न केवल उत्तर दिया है बल्कि कहा है कि विभाग मुस्लिम पर्सनल लॉ के मामले में बेवजह दखल दे रहा है।
*क्या कहते हैं सीडीपीओ हरोली*
उधर, सीडीपीओ हरोली ने किशोरी के परिजनों द्वारा जवाब का उल्लेख करते हुए मामला डीएसपी हरोली के सुपुर्द कर दिया है। सीडीपीओ हरोली शोभा दीवान ने कहा कि विभाग को इस संबंध में सूचना मिली थी और विभाग की टीम मौके पर गई थी और परिवार को किशोरी के बालिग होने पर ही शादी करने की हिदायत दी है लेकिन परिवार ने अदालत के एक फैसले का हवाला दिया था, जिसके बाद मामला अब पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। डीएसपी हरोली अनिल मेहता का कहना है कि यह मामला सीडीपीओ द्वारा भेजा गया है। इस पर उचित कानूनी राय ली जाएगी।