हरिगिरी हॉस्पिटल की टीम और फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट के सहयोग से लकवे के मरीज़ फकीर चंद ठीक होकर पहुंचे घर

--Advertisement--

बकलोह – भूषण गुरुंग                                                                   

फकीर चंद उम्र 62 साल, गांव डाडरा, बाथरी पंचायत से 5 जुलाई 2024 को स्वामी श्री हरि गिरि हॉस्पिटल मे दाखिल किये गए। जिसको दाई और की बाजू और टाग में लकवा से पीड़ित हालत में लाए गए थे। परिवारों के अनुसार यह पिछले 6 महीने से बिस्तर पर ही थे।

उनके परिवार वालों ने बताया कि इसके बीच उन्होंने पठानकोट और दिल्ली तक के नामी अस्पतालो में इनका इलाज करवाया परंतु कोई फायदा नहीं हुआ। उनके घर वालों ने 5 जुलाई 2024 को हरि गिरि हॉस्पिटल में दाखिल करवाया। तब उनको हरिगिरी हॉस्पिटल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर प्रशांत चोपड़ा ने दोबारा से सीटी स्कैन करवाने को कहा।

सीटी स्कैन में मरीज के दिमाग में खून के क्लॉट जमा हुआ पाया। जिससे नसों में चलने वाली खून की सप्लाई में रुकावट पैदा कर दी जिस कार्य वंश जिनके ऊपर का हिस्सा यानी कि हाथ और बाजू बिल्कुल सुन पड़ गया है। उसके पश्चात प्रसाद और उनकी पूरी टीम ने उनका इलाज शुरू करने के बाद काफी मेहनत कर के सारी टीम और साथ में फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट के सहयोग से 18 दिन के बाद पसेंट खुद व खुद चल फिरने लगा और सारा काम खुद से करने लगा है।

आज पूरे 18 दिन के बाद बड़ी खुशी और उत्साह के साथ अपने घर लोट रहा है। इस का पूरा श्रेय डॉक्टर प्रशांत और उनकी टीम को जाता हैं। आज उनको हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।

वही दूसरा मामला लायक सिंह उम्र 57 साल, गांव डगौह, तहसील भटियात से 21 जुलाई को सुबह 5:30 बजे के करीब बिल्कुल बेहोशी की हालत में स्वामी हरी गिरी हॉस्पिटल में पहुंचे। उनके परिवार में बताया कि पिछले 8 दिनों से लाइक सिंह बिल्कुल बेहोशी का हालत में थे। ना तो किसी को पहचान पाते हैं ना ही किसी से बातचीत कर रहे हैं। और खाना भी बिल्कुल मुंह के रास्ते छोड़ चुके हैं।

उनके परिवार ने बताया कि उन्होंने पठानकोट के निजी प्राइवेट हॉस्पिटल में लाखों रुपए के दिमाग का ऑपरेशन बताया जो कि उनकी आर्थिक स्थिति से परे था। उसके बाद वह अपने पेशेंट को लेकर टांडा पहुंचे, वहां भी उनको वहां भी उनको डॉक्टर ने जवाब दे दिया और कहा कि इनको पीजीआई या शिमला ले जाओ।

उनके घर वाले पेसेंट को हरिगिरि हॉस्पिटल मे ले आए। जहा उनका आज ट्रीटमैंट चल रहा है। डॉक्टर प्रशांत ने उनको आश्वासन दिया कि मरीज की स्थिती में सुधार मुमकिन है और आज 24 घंटे के इलाज के भीतर ही डॉक्टर साहब और उनकी टीम ने चमत्कार कर दिखाया की पेसेंट पूरी तरह से होश में वापस लौट आया और अपने परिवार जनों को भी पहचानने लगे और खुद खाने के लिए कहा। अब दो दिनों से अपने परिवार के लोगों से सभी बातचीत करने लगा हुआ है।

डॉ प्रशांत प्रशांत ने बताया कि इस अस्पताल में हर प्रकार की बीमारियों का तसल्ली बख्श इलाज किए जाते है और यहां पर हम केयर कार्ड की भी सुविधा है। उन्होंने बताया की यहां पर हर प्रकार की सर्जरी भी किए जाते हैं और हफ्ते में एक दिन अल्ट्रासाउंड मशीन के द्वारा लोगों के बीमारियों को चेक किया जाता है।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

“हिमाचल को 1500 करोड़ देने के लिए PM मोदी का आभार, लेकिन नुकसान 10 हजार करोड़ से ज्यादा का हुआ”

शिमला - नितिश पठानियां पीएम नरेंद्र मोदी ने आपदा से...

CIA टीम ने गुप्त सूचना पर गाड़ी से पकड़ा 30.57 चिट्टा, धर्मशाला के 3 युवक गिरफ्तार

हिमखबर डेस्क पुलिस थाना कांगड़ा के अंतर्गत केंद्रीय खुफिया एजैंसी...