व्यूरो रिपोर्ट
आरटीआई एक्ट के तहत सूचना नहीं देने पर राज्य सूचना आयोग ने नगर पंचायत ज्वाली के कनिष्ठ अभियंता को पेनल्टी लगाई है। एसडीएम ज्वाली पर भी आरटीआई एक्ट की अवहेलना कर अपील का समय पर निपटारा नहीं करने के आरोप लगाए गए हैं। यह फैसला राज्य मुख्य सूचना आयुक्त नरेंद्र चौहान ने सुनाया है। अपीलकर्ता डॉ. कुलदीप मल्होत्रा ने एक अपील में कहा कि नगर पंचायत ज्वाली के सचिव ने चार बिंदुओं पर सूचना मांगी।
यह जानकारी फरवरी 2016 से जनवरी 2021 के बीच आवास निर्माण के संबंध में मांगी गई। विभिन्न लाभार्थियों के लिए जारी धनराशि के बारे में भी जानकारी चाही गई। नगर पंचायत के तहत कितने शौचालय बनाए गए, ऐसे लाभार्थियों के नामों की सूची के अलावा वार्ड आधार पर खर्च धनराशि का ब्योरा मांगा गया। अपीलकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे वांछित सूचना नहीं दी गई। आरटीआई एक्ट की धारा 7(1) की अवहेलना की गई है।
नगर पंचायत के जनसूचना अधिकारी यानी कनिष्ठ अभियंता कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए हैं। ऐसे में 3000 रुपये की पेनल्टी लगाना उपयुक्त होगा। पेनल्टी की रकम ये आदेश लागू होने से दो सप्ताह के भीतर जमा करनी होगी। इसकी असफलता पर आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 20(2) के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।
एसडीएम ज्वाली को भी निर्देश दिए कि वह आरटीआई एक्ट के लंबित मामलों का निरीक्षण करें। आयोग ने कहा कि एसडीएम ने भी आरटीआई एक्ट की धारा 19(6) की अवहेलना की है। इसके अनुसार किसी भी अपील का तीस दिन में निपटारा करना होगा। इसके लिए विस्तारित समय 45 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए।