देहरा – शिव गुलेरिया
प्रशासन के सुस्त रवैये के चलते देहरा कॉलेज को सात साल बाद भी अपना भवन नसीब नहीं हो सका है। इस समय देहरा कॉलेज की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला देहरा से उधार लिए छह कमरों में चल रहा है। कॉलेज में पढ़ रहे 250 विद्यार्थी जैसे-तैसे इन छह कमरों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
देहरा में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह घोषणा के बाद वर्ष 2017 में कॉलेज की स्थापना की गई थी। कॉलेज भवन के लिए प्रदेश सरकार की ओर से पांच करोड़ रुपये स्वीकृत हैं। फंड की पहली किस्त के रूप में करीब 61 लाख रुपये लोक निर्माण विभाग को मिल भी चुके हैं। भवन निर्माण के लिए देहरा से बनखंडी रोड पर करीब 70 कनाल जमीन अलाट है।
वहीं, देहरा कॉलेज प्रशासन अपनी तरफ से जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर केस वन विभाग को भेज चुका है, लेकिन दोबारा वन विभाग की ओर कुछ आपत्तियां उठाई गई हैं, जिन्हें हल करने के लिए काॅलेज प्रशासन माथापच्ची कर रहा है। देहरा उपचुनाव में इस बार यह बड़ा मुद्दा होगा।
कॉलेज प्राचार्य रविंद्र गिल के बोल
देहरा कॉलेज प्राचार्य रविंद्र गिल का कहना है कि वन मंत्रालय की ओर से कुछ आपत्तियां लगाई गई हैं। जिन पर काॅलेज प्रशासन काम कर रहा है। लेआउट प्लान अंतिम चरण पर है। विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही यहां भवन निर्माण का कार्य शुरू हो पाएगा।
डीएफओ सन्नी वर्मा के बोल
वन विभाग मंडल देहरा के डीएफओ सन्नी वर्मा का कहना है कि लोक निर्माण विभाग की ओर से प्राप्त लेआउट प्लान पर कुछ आपत्तियां हैं। इसमें बदलाव के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि जैसे ही आपत्तियां को काॅलेज प्रशासन दूर कर देगा भवन निर्माण के लिए एनओसी मिल जाएगी।
स्थानीय व्यापारी पवन शर्मा के बोल
स्थानीय व्यापारी पवन शर्मा का कहना है कि सात साल से काॅलेज का भवन नहीं बन पाया है। जिसके लिए स्थानीय नेताओं के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी जिम्मेदार हैं।
राजेश वैद के बोल
राजेश वैद का कहना है कि यह काफी दुख का विषय है कि सात साल से देहरा काॅलेज को भवन नहीं मिल पाया है। सरकार से मांग है कि शीघ्र कालेज भवन का निर्माण शुरू किया जाए।
स्थानीय निवासी सुधीर शर्मा के बोल
स्थानीय निवासी सुधीर शर्मा का कहना है कि सात साल से काॅलेज भवन के नहीं बनने से बच्चों को स्कूल भवन में पढ़ाई करनी पड़ रही है। भवन नहीं बनने से बच्चों को अच्छे माहौल में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।