धर्मशाला- राजीव जस्वाल
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रहे साइबर अपराधों पर अब एडंवास टेक्नोलॉजी से जांच होगी और ब्रेक लगाने में भी बड़ी मददगार होगी। प्रदेश में पहली एंडवास साइबर लैब धर्मशाला में जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके लिए भारत सरकार से रीजनल फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी आरएफएसएल को अपू्रवल मिल गई है। ऐसे में हिमाचल में एक माह के भीतर-भीतर एंडवास साइबर लैब शुरू हो जाएगी। ऐसे में पहाड़ी राज्य में होने वाले हर साइबर अपराध के परदे खोलने में बड़ी मदद मिल पाएगी।
एंडवास टेक्नोलॉजी में टूटे हुए फोन व पानी में फेंके हुए फोन से भी डाटा रिकवर व एनलाइज कर अपराधियों तक पहुंचने की तकनीक पर बारिकी से बड़े स्तर पर कार्य होगा। इसके साथ ही सभी प्रकार के साइबर अपराधों पर भी कार्य करने को एंडवास टेक्नोलॉजी व साइंस का इस्तेमाल किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में मौजूदा समय में फोरेंसिक सांइस लैबोरेटरी के तहत राज्य भर में मात्र साइबर लैब पर ही काम हो रहा है, जिसमें भी प्रदेश के साइबर अपराधों को हल करने के लिए शिमला व धर्मशाला में ही साइंस लैबोरेटरी स्थित हैं, जिनमें भी अभी एंडवास स्तर पर काम नहीं हो पा रहा है। इसमें सबसे अहम बात अब यह होगी कि फोन को तोडऩे, पानी में फेंकने सहित अन्य छेड़छाड़ होने पर भी डाटा रिकवरी और एनलाइज किया जा सकेगा।