हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश में बीते 25 साल तक लोगों के घरों में काम करने के बाद मंडी की गीता देवी ने स्वरोजगार की नई राह चुनी है। गीता के स्वरोजगार को अपनाने में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने अहम भूमिका निभाई है। इस योजना के तहत गीता ने अपना रोजगार शुरू करने के लिए 1 लाख का ऋण लिया और मंडी शहर में रेडिमेड गारमेंट्स की दुकान शुरू की है।
गीता देवी मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत निचला लोट की निवासी है और पिछले 25 वर्षों से परिवार सहित मंडी शहर में रह रही है। पति होटल में वेटर का काम करते हैं। गीता देवी ने बताया कि परिवार का सही पालन पोषण करने के लिए लोगों के घरों में काम के साथ सिलाई करना शुरू किया और 25 वर्षों से इस काम को लगातार करती आ रही हैं।
अपनी मेहनत के दम और पति के सहयोग से बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दी। बेटा होटल मैनेजमेंट की डिग्री करने के उपरांत चंडीगढ़ में नौकरी कर रहा है। वहीं, बेटी भी एम.ए. की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही है।
गीता ने बताया कि पिछले 6 साल से वह सरदार पटेल यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर अनुपमा सिंह के घर पर खाना बनाने का काम कर रही थी। अपना रोजगार शुरू करने के लिए प्रोफेसर अनुपमा सिंह उनकी प्रेरणा बनी, जिसके बाद उन्होंने रेडिमेड गारमेंट्स की दुकान खोलने की सोची। रोजगार को शुरू करने के लिए उन्होंने अपनी बचत का कुछ पैसा इस्तेमाल किया और पीएम मुद्रा योजना के तहत 1 लाख का ऋण लिया है।
प्रोफेसर अनुपमा सिंह के बोल
सरदार पटेल यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर अनुपमा सिंह ने गीता देवी द्वारा स्वरोजगार अपनाने के लिए उसे बधाई दी और खूब सराहना की। अनुपमा सिंह ने कहा कि गीता जैसी महिलाएं आज समाज की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं। इसके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं भी बहुत बड़ा माध्यम बन रही हैं।
क्या है मुद्रा योजना
मुद्रा लोन, जिसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) भी कहा जाता है. यह भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसमें सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 50 हजार से 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है. इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई थी.