शिवरात्रि पर राजा के बेहड़े में करती है निवास
मंडी – अजय सूर्या
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में जहां लोगों को देवी-देवताओं के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है, वहीं इनके रोचक इतिहास के बारे में भी जानने का मौका मिलता है।
प्राचीन काल से ही माता अंबिका बालीचौकी के खनार गांव में देवी नारायण वाण के नाम से प्रसिद्ध है। देवी नारायण वाण के पुजारी तीर सिंह ने बताया कि देवी नारायण वाण राजाओं के समय से ही शिवरात्रि पर्व पर आती है और राजा के बेहड़े में ही निवास करती है।
उन्होंने बताया कि माता अंबिका का मूल स्थान निरमंड में है और माता जब निरमंड से चली, तो बालीचौकी के नारायण वन में रुकी इसी कारण माता देवी नारायण वाण के नाम जानी जाती है।
उन्होंने बताया कि राजाओं के समय से देवी नारायण वाण को नर बलि दी जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे जब राजाओं का राज समापत हो गया, तब से इस प्रथा को बंद कर दिया गया।
देवी नारायण वाण हर प्रकार की बीमारीयों व बुरी शक्तियों का नाश करने वाली है। देवी नारायण वाण संतान सुख, धन और सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाली देवी मानी गई है।