AHMWS की याचिका पर सोमवार को फैसला
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित संजौली मस्जिद की 3 मंजिलों को गिराने के आदेशों पर जिला अदालत में आज सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में लोकल रैजीडैंट की केस में पार्टी बनने की अर्जी को खारिज कर दिया है। अब ऑल हिमाचल मुस्लिम वैल्फेयर सोसायटी द्वारा दायर याचिका की मैंटेनेबिलिटी पर फैसला सोमवार को सुनाया जाएगा।
मुस्लिम वैल्फेयर सोसायटी के प्रमुख ने दी है चुनौती
दरअसल, ऑल हिमाचल मुस्लिम वैल्फेयर सोसायटी के प्रमुख नजाकत अली ने 5 अक्तूबर को नगर निगम आयुक्त द्वारा मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के आदेशों को चुनौती दी है। नजाकअली का दावा है कि मस्जिद के निर्माण में उनका भी योगदान है, इसलिए उन्हें भी पक्षकार माना जाए। नजाकत अली का कहना है कि मस्जिद कमेटी के हलफनामे के आधार पर आयुक्त ने यह फैसला लिया, जबकि मस्जिद कमेटी रजिस्टर्ड नहीं है, इसलिए उसका हलफनामा मान्य नहीं है।
नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने दिए थे 3 मंजिलें गिराने के आदेश
पिछले 5 अक्तूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध निर्माण हटाने का कार्य शुरू कर दिया, जिसमें छत को पहले ही तोड़ा जा चुका है और अब टॉप फ्लोर की दीवारें गिराई जानी हैं। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार यह केस 20 दिसम्बर तक निपटाना है।
प्रदेशभर में फैला था विवाद
संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण पर विवाद ने शिमला ही नहीं, बल्कि सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिलों में भी हिंदू संगठनों को सड़कों पर ला दिया था। संगठनों ने अवैध मस्जिदों को हटाने की मांग उठाई थी, जिसके चलते प्रदेश का माहौल तनावपूर्ण हो गया था।
इस बीच 12 सितम्बर को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। निगम आयुक्त के मस्जिद की 3 मंजिल तोड़ने के आदेशों के बाद यह मामला पूरी तरह शांत हो गया।