हिमखबर डेस्क
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में विवादित परिसर का सर्वे करने का आदेश दे दिया है। इसके लिए 3 कमिश्नर भी नियुक्त कर दिए गए हैं।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का मामला वर्षों से कानूनी दांव-पेच में फंसा हुआ है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का सर्वे कराने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसको लेकर महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट कमिश्नर विवादित परिसर का सर्वेक्षण करेंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है। सर्वे के काम के लिए कमिश्नर नियुक्त किए जाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 3 अधिवक्ताओं को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर विवादित परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया है।
जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से इसको लेकर अर्जी दाखिल की गई थी। अर्जी में एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वे कराए जाने की मांग की गई थी। अर्जी पर सुनवाई होने के बाद जस्टिस मयंक कुमार जैन ने 16 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट चला गया था मामला
हाईकोर्ट में अर्जी पर श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बहस की थी। मथुरा विवाद से जुड़ी सभी 18 याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। अयोध्या जन्मभूमि विवाद की तर्ज पर मथुरा विवाद का इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है।
मथुरा जिला कोर्ट से ट्रांसफर हुईं सभी 18 याचिकाओं पर उच्च अदालत सुनवाई कर रही है। जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की सिंगल बेंच ने 26 मई 2023 को सभी याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई होने की व्यवस्था दी थी। हाईकोर्ट ने मथुरा जिला कोर्ट में चल रहे सभी मामलों की पत्रावली भी तलब कर ली थी।
13.37 एकड़ जमीन का मामला
हाईकोर्ट में लीडिंग सूट भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव के नाम से रंजन अग्निहोत्री की ओर से दाखिल की गई है। याचिकाओं में 12 अक्टूबर 1968 को हुए समझौते को अवैध बताया गया है। इसके साथ ही समझौते के तहत शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई 13.37 एकड़ जमीन भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को दिए जाने की मांग की गई है।
साथ ही अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को भी हटाए जाने की मांग की गई है। याचिका में कुल 4 पक्षकार बनाए गए हैं। शाही ईदगाह मस्जिद, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघ को पक्षकार बनाया गया है। हाईकोर्ट में दाखिल अन्य याचिकाओं पर 18 दिसंबर को अदालत सुनवाई करेगी।