स्टाफ- रिपोर्ट
शिमला ग्रामीण क्षेत्र के विधायक एवं कांग्रेसी नेता विक्रमादित्य सिंह द्वारा कर्मचारियों के संबंध में जो बयानवाजी की है, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को धमकी भरे अंदाज़ में यह संदेश देने की कोशिश की है कि जब उनकी सरकार आएगी, तो कर्मचारियों को प्रदेश के कोने-कोने में पटका जाएगा।
इस बयान का जिला कांगड़ा अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ कठोर निंदा करता है। इस संबंध में महासंघ जिला कांगड़ा के अध्यक्ष अजय खट्टा और महासचिव मिलाप भंडारी ने संयुक्त बयान में कहा है कि विधायक विक्रमादित्य सिंह कर्मचारियों को डराना बंद करें। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ उनके इस बयान की कठोर निंदा करता है।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ पूरे प्रदेश में डटकर विक्रमादित्य का विरोध करेगा ओर कांग्रेसी विधायक को कर्मचारियों की शक्ति का एहसास करवाया जायेगा। जब जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकारें आती है, तब तब कर्मचारियों का डटकर उत्पीड़न किया जाता रहा है।
विक्रमादित्य सिंह यह भूल गए है कि 1980 में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने शांतिपूर्ण कर्मचारी प्रदर्शन पर गोलियां चलाईं थी, जिससे चार कर्मचारी साथी कर्मचारी हितों की रक्षा हेतु शहीद हुए थे। इसी प्रकार 1974 में भी उस समय की कांग्रेस सरकार के समय अमरण अनशन करते हुए कर्मचारी बहन चंपा जी ने शहादत का जाम पिया था।
विक्रमादित्य पहले कर्मचारी इतिहास को जाने फिर अपनी बात रखें और पूर्व में कर्मचारी वर्ग पर किए गए घोर अन्याय के लिए क्षमा मांगे। इस तरह के बयानों के बाद अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ संघ द्वारा भविष्य में जिला कांगड़ा में विक्रमादित्य का पुरजोर विरोध किया जाएगा।