हिमकेयर कार्ड के तहत मरीजों का नहीं किया जा रहा मुफ्त इलाज
चम्बा – भूषण गुरुंग
मेडिकल कॉलेज चंबा में बीपीएल और हिमकेयर कार्ड धारक मरीजों को रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर इलाज करवाना पड़ रहा है। हड्डी रोग विभाग में हिमकेयर कार्ड के तहत मरीजों का मुफ्त इलाज नहीं किया जा रहा है।
पिछले कुछ दिन में चार से पांच मरीजों के ऑपरेशन किए गए हैं। इनके परिजनों ने ऑपरेशन करने के लिए या तो रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए हैं या ब्याज पर पैसे किसी से मांगे हैं। ऑपरेशन के लिए मरीजों को 40 से 50 हजार रुपये दे पड़ रहे हैं। दवाई तक मुफ्त नहीं दी जा रही है।
मरीजाें के तीमारदारों को ऑपरेशन के से पहले जरूरी सामान की लिस्ट थमाई जा रही है। इसे कांगड़ा की कंपनी चंबा में मरीजों को उपलब्ध करवा रही है। कई मरीजों से सामान के बदले में पैसे लेकर बिल भी नहीं दिए गए हैं। जो कंपनी मरीजों को हिमकेयर के तहत मुफ्त सामान उपलब्ध करवाती है, वही कंपनी सामान के बदले में हजारों रुपये कमा रही है।
चुराह विधानसभा क्षेत्र के चांजू की मीना ने बताया कि भाई की टांग का ऑपरेशन हुआ है। उन्होंने हिमकेयर कार्ड के बारे में बताया तो स्टाफ ने उन्हें कार्ड नहीं चलने की बात कही। बाहर से सामान खरीदने को कहा। उन्होंने ऑपरेशन के लिए पहले 20 हजार रुपये उधार लिए। अब 10 हजार रुपये और उधार लिए हैं। सात दिन से परिवार सहित अस्पताल में हैं।
सलूणी की सुमन ने बताया कि जिले के बाहर निजी कंपनी में नौकरी करती हैं। पिता की बाजू का ऑपरेशन होना था। इसके लिए लगभग 50 हजार रुपये खर्च होने थे। उन्होंने जैसे-तैसे कर पैसे का जुगाड़ किया। हालांकि, उनके पिता 16 दिन से अस्पताल में भर्ती थे।
भांदल की काजल ने बताया कि भाई की टांग का ऑपरेशन हुआ है। इसमें 50 हजार खर्च हो चुके हैं। दवाई से लेकर ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाला सामान बाहर से खरीदा। हिमकेयर कार्ड का कोई लाभ नहीं मिल पाया।
मंगला के नरेंद्र कुमार ने बताया कि सड़क हादसे में टांग में गहरी चोट लगी थी। पहला ऑपरेशन हुआ था तो हिमकेयर कार्ड में इलाज मुफ्त हुआ था। दूसरे ऑपरेशन के लिए उन्हें करीब 12 हजार रुपये खर्च करने पड़े।
कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवेंद्र कुमार के बोल
कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि हड्डी रोग विभाग में हिमकेयर कार्ड के मरीजों को सामान देने वाली अमृत फार्मेसी के साथ एमओयू को लेकर अड़ंगा चल रहा था। यह दो दिनो के भीतर हल हो जाएगा।