शिमला – नितिश पठानियां
नगर परिषद रामपुर क्षेत्र के डकोल्ड में लगभग 50 बीघा भूमि पर एनडीआरएफ यानी नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स का बेस सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए यहां पर भूमि एनडीआरएफ के नाम हो गई है। इस सेंटर के खुलने से यहां पर तैनात एनडीआरएफ के जवान शिमला, किन्नौर, कुल्लू और लाहुल-स्पीति जिले में प्राकृतिक व अन्य आपदा के समय तुरंत मदद पंहुचा सकेंगे।
ऐसे में आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ का सहयोग लोगों को तुरंत मिल सकेगा। बताया जा रहा है कि इस सेंटर में लगभग 500 जवानों के प्रशिक्षण की सुविधा रहेगी। गौतरलब है कि हिमाचल में एनडीआरएफ की तीन कंपनियां कार्य कर रही हैं। ये रामपुर, मंडी और नालागढ़ में तैनात हैं।
रामपुर के ज्यूरी में एनडीआरएफ की कंपनी अस्थायी तौर पर चल रही है। गौर हो कि रामपुर और किन्नौर आपदा के दृष्टिगत काफी संवेदनशील हैं। यहां सतलुज नदी में बाढ़ की संभावना बनी रहती है, जबकि सडक़ हादसे और प्राकृतिक आपदा के समय भी राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ अहम भूमिका निभाती है। रामपुर क्षेत्र में पिछले वर्ष 31 जुलाई को समेज गांव के आई बाढ़ में बहे लोगों के सर्च ऑपरेशन में एनडीआरएफ के जवानों ने अहम भूमिका निभाई थी।
एसडीएम रामपुर निशांत तोमर के बोल
उधर, एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि डकोलढ़ में एनडीआरएफ के नाम 50 बीघा भूमि हो गई है। यहां एनडीआरएफ अपने बेस सेंटर का निर्माण करेगा। इस केंद्र के स्थापित होने से के लोगों को आपदा में तुरंत मदद मिल पाएगी।