माता चामुंडा परिसर में नाचते गाते श्रद्धालुओ ने लिया मेले में भाग

--Advertisement--

चम्बा – भूषण गुरुंग

चम्बा जिला को शिव भूमि व देव भूमि ऐसे ही नहीं कहा जाता है। यहां के मेले और त्योहार पूरी दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए हैं। ऐसे ही चम्बा मुख्यालय में स्थित माता चामुंडा चामुंडा मंदिर में ऐतिहासिक जातर मेले यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।

दरअसल हर साल माता बैरा वाली अपने देव स्थल देवी कोठी से अपनी बहन चामुंडा से मिलने के लिए चम्बा मुख्यालय पहुंचती है और 12 दिन तक दोनों बहने एक साथ यही चामुंडा मंदिर में रहती है। इसी देव मिलन के अवसर पर माता चामुंडा मंदिर में इस जातर मेले का आयोजन किया जाता है।

जिसमें भाग लेने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और इस देव मिलन में बड़े ही हर्षोल्लाह और श्रद्धाभाव से श्रद्धालुओं ने लाइन में खड़े होकर माता चामुंडा और बैरा वाली के एक साथ दर्शन किए। इस मौके पर मंदिर प्रांगण में दुकाने भी लगाई गई जहां पर भिन्न-भिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लोगों ने आनंद उठाया।

चामुंडा मंदिर प्रांगण में देवी कोठी से माता बैरावाली के साथ आए लोग व यहां के स्थानीय लोगों ने पारंपरिक देव नृत्य में भी भाग लिया। आज शाम को माता बैरावली अपने देव स्थल देवी कोठी के लिए वापस रवाना होगी। इस भावभीनी विदाई को देखने के लिए शाम के समय हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचेंगे। जब तक माता बैरा वाली यहां चम्बा में माता चामुंडा के साथ रहती है तब तक यहां का मौसम ठंडा ही रहता है और यहां रोजाना रुक रुक का बारिश भी जरूर होती है।

यहां माता चामुंडा जातर मेले में पहुंचे लोगों ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी माता बैरा वाली अपने देव स्थल देवी कोठी से अपनी बहन चामुंडा से मिलने के लिए यहां पहुंची है। उन्होंने कहा कि इस देव मिलन के अवसर पर यहां जातर मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सभी लोग बड़े ही श्रद्धा भाव से हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर प्रांगण में देव नृत्य भी हो रहा है जिसमें देवी कोठी से आए लोग व यहां के स्थानीय लोग बड़े ही श्रद्धा भाव से झूम रहे हैं।

वही देवी कोठी से बैरा वाली माता के साथ आए श्रद्धालुओं ने बताया कि आज यहां पर चामुंडा माता मंदिर में जातर मेले का आयोजन हो रहा है। हर साल माता वैरा वाली अपने देव स्थल देवी कोठी से यहां चामुंडा माता अपनी बहन से मिलने के लिए पहुंचती है। 12 दिन के बाद इसी देव मिलन के अवसर पर यह मेले का आयोजन होता है और लोग बड़े ही श्रद्धा भाव से इस मेले में भाग लेते हैं।

--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

Himachal Assembly Winter Session : सदन में 243 सवाल 14 विधेयक पारित

हिमाचल विधानसभा के इतिहास में पहली बार शुरू हुआ...

कांगड़ा इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने किया विधानसभा धर्मशाला का दौरा

धर्मशाला - हिमखबर डेस्क  उपमण्डल शाहपुर के तहत पड़ते कांगड़ा...

महाविद्यालय चुवाड़ी में हालही शुरू हुई पीजी कक्षाओं का निरीक्षण 

चुवाडी - अंशुमन  राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुवाड़ी में हाल ही...