बिलासपुर निर्माणाधीन एम्स में महिलाओं के साथ अन्याय सहन नहीं होगा : सीमा सांख्यान

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बिलासपुर, सुभाष

बिलासपुर के कोठीपुरा में निर्माणाधीन एम्स में महिलाओं के साथ अन्याय सहन नहीं होगा। यदि महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार बंद नहीं हुआ, तो आंदोलन का रास्ता भी अख्तियार किया जाएगा। यह बात बिलासपुर में आयोजित बिटिया फाउंडेशन की अध्यक्ष सीमा सांख्यान ने मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कही।

इस दौरान अर्धनारेश्वर समाज सेवा समिति की अध्यक्ष बिजली महंत, विश्व हिंदू परिषद अध्यक्ष एडवोकेट तुषार डोगरा, शैलेंद्र भड़ोल, बाल्मिकी सभा के प्रधान अशोक कुमार, जिला अध्यक्षा मंजूला शर्मा सहित अन्य मौजूद थे। इस दौरान सीमा सांख्यान ने कहा कि अभी हाल ही में निर्माणाधीन एम्स में बाहरी व्यक्ति द्वारा स्थानीय महिला से अभद्र व्यवहार का मामला सामने आया है।

उन्होंने कहा कि अभी भी कई ऐसी कामगार महिलाएं जो अपनी नौकरी बचाने के चलते अपना मुंह नहीं खोल रही हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर निर्माणाधीन एम्स में बाहरी लोगों को रोजगार दिया गया है। यह लोग यहां की भाषा भी समझ नहीं आने का बहाना ढूंढते हैं।

लेकिन यहां पर एक महिला कामगार के साथ मोबाइल पर चैटिंग करना, वीडिया कॉल करने में बाहरी लोग पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि गत सप्ताह ही इस तरह का मामला सामने आया है। जिसके चलते एम्स प्रबंधन से भी बातचीत की गई।

वहीं, पुलिस थाना तक मसला पहुंचा। हालांकि इस मसले को समझौते के बाद खत्म कर दिया गया था। लेकिन इसके बाद संबधित ठेकेदार द्वारा करीब 20 लोगों का रोजगार छीन लिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मसले को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन से भी चर्चा की जाएगी। सीमा सांख्यान ने कहा कि बिलासपुर के लोगों ने हमेशा ही विकास में अपनी भूमिका निभाई है, लेकिन अब बिलासपुर के लोग मनमानी सहन नहीं करेंगे।

इस दौरान अद्र्धनारेश्वर समाज सेवा समिति की अध्यक्ष बिजली महंत ने कहा कि स्थानीय लोगों के हितों की अनदेखी सहन नहीं होगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए अभी हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को भी लिखित तौर पर अवगत करवाया गया है। ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके।

उन्होंने कहा कि स्थानीय पंचायतों द्वारा एक समिति का गठन किया गया है। वहीं, अधिवक्ता तुषार डोगरा ने कहा कि एम्स प्रशासन को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाने चाहिए, ताकि महिलाओं को अपनी डयूटी करने में किसी तरह की समस्या न झेलनी पड़े।

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