बड़े न्हाण के उपलक्ष पर कुछ इस तरह से डल झील को तोड़ने की रस्म को किया अदा

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चम्बा – भूषण गुरुंग

श्री कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाष्टमी तक चलने वाली पवित्र मणिमहेश यात्रा का विधिवत समापन हो गया। बताते चले कि वैसे तो श्री मणिमहेश कैलाश मानसरोवर की यह यात्रा पिछले डेढ़ माह पूर्व निरंतर चल रही है। जिसमे लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया है।

पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी और राधाष्टमी के बड़े न्हाण जिसको की शाही न्हाण कहा जाता है, इसका महत्व कुछ सबसे अलग है। राधाष्टमी के शाही न्हाण पर भगवान भोले नाथ के वंशज जोकि तरलोचन महादेव के नाम से प्रचलित है, वही शिव भगत चेले शील गंगा डलझील को तोड़ने की रसम को अदा करते है, तत्पश्चात ही बाकी के आए हुए श्रद्धालु डलझील में डुबकी लगाकर भगवान शिव को नमन करके वापिस लोटते है और इसी के साथ इस महापर्व का समापन हो जाता है।

मणिमहेश पवित्र डल झील में राधाष्टमी के शाही स्नान पर सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, बड़े न्हाण के साथ आज रात यात्रा श्री मणिमहेश कैलाश यात्रा सम्पंन होगी।

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