शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में पुलिस हिरासत में मारपीट के बाद व्यक्ति की मौत मामले में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई न करने के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले में सीबीआई, गृह विभाग, डीजीपी सहित प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किए हैं।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अब इस मामले की 10 जनवरी को सुनवाई होगी। याचिका में पत्नी की ओर से पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया है।
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर पुलिस वालों की अन्य लोगों के बीच कोई मुठभेड़ होती है और मौत हो जाती है, तो ऐेसे मामलों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसियों को सौंपी जाएगी। पुलिस हिरासत में जिसकी मौत हुई है उसको मुआवजा भी देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसकी सूचना आयोग को देनी होती है।
हाईकोर्ट में यह याचिका मृत व्यक्ति की पत्नी चंद्र कला की ओर से दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि 8 अगस्त 2024 को तेलंगी गांव के किशोर कुमार की पुलिस और होमगार्ड के जवान के साथ हाथापाई हुई थी। हाथापाई के दौरान पुलिस वालों ने किशोर को हेलमेट से पीटा। दो दिन के बाद इसकी मौत हो गई। घटना के दौरान चश्मदीद गवाह ने इस मामले में शिकायत दर्ज की।
एसपी किन्नौर अभिषेक ने घटना में संलिप्त तीन पुलिस वालों को निलंबित किया। इस मामले में ग्रामीणों ने रिकांगपिओ थाना प्रभारी से इस घटना में निष्पक्ष जांच की मांग की। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की और एक पुलिस वाले को हिरासत में लिया और बाकियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।