सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब के युवा आर्किटेक्ट करण चौहान की गुमशुदगी की घटना ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी। मामला उस समय और गंभीर हो गया जब करण ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर यह खुलासा किया कि वह बैंक लोन की वजह से डिप्रेशन में आकर आत्महत्या करने का फैसला कर रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, करण के माता-पिता ने शाम को ही बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस भी करण की तलाश में जुट गई थी, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ होने के कारण हर किसी को डर था कि वह कोई गलत कदम न उठा ले।
इस बीच करण को उसके परिवार ने ही खोज निकाला। देर रात करीब 1 से 2 बजे के बीच करण को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के देहरादून के पास से सुरक्षित बरामद किया गया। पहले उसकी कार लोकेट की गई और उसके बाद परिवार करण तक पहुंचा। बरामदगी के तुरंत बाद करण को अस्पताल ले जाया गया।
वीडियो में करण ने खुलासा किया था कि उसने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 30 लाख रुपए का लोन लिया था। करण ने कहा था कि वह 51 हजार रुपए की मासिक किस्त में 41 हजार रुपए जमा कर रहा था, फिर भी उसके खाते को एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) घोषित कर दिया गया। साथ ही उसकी प्रॉपर्टी को नीलाम करने की कोशिश की जा रही थी।
डीएसपी अदिति सिंह के बोल
पांवटा साहिब की डीएसपी अदिति सिंह ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि वीरवार को करण के बयान कलमबद्ध किए जाएंगे और इसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी ने करण द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो के बारे में पूछे गए सवाल पर बताया कि वीडियो की समीक्षा की जा रही है।
डीएसपी ने यह भी जानकारी दी कि करण ने बैंक से लोन लिया था और नुकसान की वजह से वह उसकी किस्त नहीं चुका पा रहा था।इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय दबाव के प्रति जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया है।