पक्के घर भी बना लिए लेकिन लोग नहीं छोड़ रहे BPL की सदस्यता

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मंडी – अजय सूर्या 

शहर में लगभग 400 परिवार ऐसे हैं जो 19 साल पहले भी गरीब थे और आज भी गरीब ही हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बीपीएल चयन के लिए कोई भी नया सर्वे न किए जाने से बीपीएल सदस्यता में डटे कुछ परिवार साधन संपन्न हो जाने के बाद भी इसका लाभ उठाकर जरूरतमंद गरीबों का हक डकार रहे हैं।

वर्ष 2005 में जब मंडी शहर में बीपीएल परिवारों का चयन हुआ तो उस वक्त 524 परिवार इसके हकदार बने। 19 वर्षों में मात्र 127 परिवार ऐसे हैं जिन्होंने बीपीएल सदस्यता को अलविदा कहा, वो भी शायद इसलिए क्योंकि या तो परिवार से कोई सदस्य सरकारी नौकरी में लग गया या फिर किसी ने अपना कारोबार शुरू कर दिया।

नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट खुद इस बात को मानते हैं कि मौजूदा समय में अधिकतर बीपीएल परिवार गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके हैं और अब सरकार को नया सर्वे करने की जरूरत है ताकि जरूरतमंद गरीब परिवारों को इसमें शामिल किया जा सके। इन्होंने साधन संपन्न परिवारों से स्वेच्छा से बीपीएल श्रेणी से बाहर आने का भी आग्रह किया है।

बता दें कि वर्ष 2021 में मंडी शहर को नगर परिषद से नगर निगम का दर्जा दे दिया गया है। अब इसमें कुछ ग्रामीण क्षेत्रों को भी जोड़ा गया। यहां के बीपीएल परिवारों को मिलाकर अब नगर निगम मंडी के बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़कर 904 हो गई है।

वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि आज भी बीपीएल परिवारों के चयन का वही क्राइटेरिया निर्धारित है जो वर्ष 2005 में था। पात्र परिवार के पास कच्चा घर, किसी सदस्य का सरकारी नौकरी में न होना, 35 हजार सालाना से कम आय और इसके अलावा अन्य कई प्रकार के क्राइटेरिया निर्धारित किए गए हैं।

इसके अलावा शहर में बीपीएल परिवारों की संख्या को भी एक निश्चित संख्या में रखा गया है। नया परिवार तभी बीपीएल में शामिल होता है जब कोई पहले से शामिल परिवार इससे बाहर होता है। ऐसे में उन जरूरतमंद परिवारों का क्या कसूर जो 19 वर्षों से गरीबी रेखा में जी रहे हैं लेकिन उनका हक कोई और ही डकार रहा है।

बता दें कि यह आंकड़ा सिर्फ नगर निगम मंडी का है। अगर पूरे जिला की बात करें तो जिला भर में भी ऐसे हजारों परिवार हैं जो कहने को तो गरीब हैं लेकिन हो पूरी तरह से साधन संपन्न गए हैं। जब तक प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में नया बीपीएल सर्वे नहीं करवाती है तब तक ऐसे लोगों को बाहर कर पाना टेढ़ी खीर से कम नहीं होगा।

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