नूरपुर में खैर कटान घोटाला: कॉर्पोरेशन और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल!

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नूरपुर – स्वर्ण राणा

हिमाचल प्रदेश के नूरपुर फोरैस्ट डिवीजन के फतेहपुर, रैहन ब्लॉक में जुनाट और छतर गडोली विट में खैर के पेड़ों के कटान को लेकर वन विभाग और फोरैस्ट कॉर्पोरेशन की भूमिका अब कटघरे में है। समय सीमा समाप्त होने के बाद भी कटान कार्य जारी है।

आदेशों की पारदर्शिता नदारद है और संबंधित अधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं। विभाग द्वारा 10 जुलाई 2025 को जुनाट बीट में सूखे खैर के पेड़ों की कटाई शुरू की गई थी, जोकि 12 दिन के हिसाब से 22 जुलाई तक खत्म हो जानी चाहिए थी। बावजूद इसके, कटान 26 जुलाई तक भी चलता पाया गया।

इससे न केवल आदेशों की अवहेलना हो रही है, बल्कि वन संसाधनों की पारदर्शिता और सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थल निरीक्षण में यह पाया गया कि काटे गए पेड़ों के ठूंठों (मौछों) पर कोई नंबरिंग नहीं की गई थी। जब पूछा गया तो कॉर्पोरेशन के डेली वेज कर्मचारी को हड़बड़ी में ठूंठों पर नंबर लिखते देखा गया। ट्रैक्टर में लोड लिए खैर लकड़ी के माल पर भी किसी प्रकार की क्लासिंग का जिक्र नहीं था।

ब्लॉक अधिकारी हरदीप सिंह के बोल

ब्लॉक अधिकारी हरदीप सिंह ने बताया कि वह छुट्टी पर हैं और बारिश के चलते देरी हुई। अधिक जानकारी के लिए डिविजनल मैनेजर कॉर्पोरेशन धर्मशाला से संपर्क करने की सलाह दी।

फोरैस्ट गार्ड सुरेंद्र के बोल

फोरैस्ट गार्ड सुरेंद्र (जुनाट) ने बताया कि कुल 370 में से 280 पेड़ काटे जा चुके हैं।  पौधरोपण कार्य भी साथ चल रहा है। हर जगह माजूद रहना संभव नहीं। जब पूछा गया कि कटे पेड़ कहां रखे जा रहे हैं, तो बोले – स्कॉर्पोरेशन को पता होगा। इसी के संबंध में फोरैस्ट गार्ड सुरेंद्र ने बोलने से इंकार कर दिया।

वन मंडल अधिकारी नूरपुर अमित शर्मा के बोल

वन मंडल अधिकारी नूरपुर अमित शर्मा ने बताया कि उन्हें इस कटान की जानकारी नहीं है, और अगर कटान चल रहा है, तो उसे बंद करवाते हैं, हालांकि कटान के वक्त मौके पर मौजूद कॉर्पोरेशन से रवि ने जो आदेश दिखाए उस पर साफ लिखा है कि आदेश के प्रति वन मंडल अधिकारी नूरपुर को सूचनार्थ हेतु प्रस्तुत है।

लिखा गया है जिसमें 12 दिन का स्पष्ट उल्लेख है। यहां बड़ा सवाल यह है कि यदि आदेश की प्रति वन मंडल अधिकारी को जाती है और उसमें कटान की अवधि स्पष्ट रूप से लिखी होती है, तो वन मंडल अधिकारी नूरपुर को इसकी जानकारी क्यों नहीं ?

डी.एम. अजय नहीं उठाया फ़ोन 

कॉर्पोरेशन से जुड़े डी.एम. अजय से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। पहले 25 जुलाई को जब संपर्क किया गया था, तो उन्होंने कहा था कि जानकारी डी.एम. धर्मशाला देंगे। जब डी.एम. धर्मशाला से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि वे छुट्टी पर हैं और चार्ज डी. एम. नूरपुर के पास है।

छतर घडोली बीट में 27 जुलाई को जारी रहा कटान

12 मार्च 2025 को जारी आदेश के अनुसार छतर घडोली बीट में 467 खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति दी गई थी, जिसमें से अब तक केवल 143 पेड़ ही काटे गए हैं। 27 जुलाई को भी कटान जारी पाया गया। मौके पर कॉर्पोरेशन के ब्लॉक अफसर बृज मोहन और वन मित्र मौजूद रहे। जब उनसे आदेश की प्रति दिखाने को कहा गया तो केवल मार्च महीने में जो आदेश हैं वही दिखाए गए। पर उसमें एक महत्वपूर्ण बात गायब है और वह है कटान कार्य पूरा करने की समय सीमा।

समय सीमा हटाने का क्या मतलब यानि ठेकेदार अनिश्चितकाल तक कटाई करता रहे ? जब वन गार्ड विवेक शर्मा ने बताया कि उन्होंने जो आदेश देखे थे, वह अलग थे और जब उनसे आदेश की प्रति व्हाट्सएप पर सांझा करने को कहा गया तो उन्होंने इंकार कर दिया।

चौंकाने वाली बात

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वर्तमान में काटे जा रहे पेड़ों को कहां रखा जा रहा है? जब छतर बीट के फोरैस्ट गार्ड से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि श्पेड़ रैहन बीट के सकरी क्षेत्र में रखे जा रहे हैं। क्यों घडोली छतर बीट से कटे पेड़ों को रैहन बीट में पड़ते सकरी क्षेत्र में मुख्य सड़क से हटाकर सार्वजनिक स्थान से दूर एक खड्ड के पास रखा जा रहा है? लॉट नं 39,412024-25 के बैंडर हेमराज ने बताया कि बीमार होने की वजह से उन्होंने यह टैंडर किसी और व्यक्ति के नाम पर कर दिया है।

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