हिमखबर डेस्क
शिक्षा का अधिकार 2009 तथा निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 हिमाचल प्रदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार जिला हमीरपुर के सभी निजी पाठशालाओं से सत्र 2025-26 के लिए मान्यता के नवीनीकरण और 2025-30 सबके लिए मान्यता हेतू आवेदन आमंत्रित किये गए हैं।
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कमल किशोर भारती ने बताया कि ये आवेदन पूर्णतः ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार किये जाएंगे। मान्यता के नवीनीकरण हेतु वेबसाइट एमर्जिंगहिमाचल.एचपी.जीओवी.इन पर लॉग इन करने के बाद इनवेस्टर लॉग इन पर क्लिक करना होगा।
प्री प्राइमरी से पांचवीं कक्षा तक वाले विद्यालय संबंधित बीईईओ को अपने आवेदन निर्धारित शुल्क के साथ ऑनलाइन प्रेषित करेंगे। जबकि, प्राइमरी से आठवीं और छठी से आठवीं तक की कक्षाओं वाले विद्यालय को प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक को निर्धारित शुल्क सहित ऑनलाइन आवेदन करेंगे।
आवदेन करने की अंतिम तिथि अब बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दी गई है। उसके उपरांत ऑनलाइन आवेदनों की जांच की जाएगी। त्रुटियां पाई जाने पर ऑनलाइन ही आवेदन वापस विद्यालय को भेज दिए जाएंगे, जिसे संबंधित पाठशाला त्रुटियों के निवारण उपरान्त पुनः प्रेषित कर देगी। सही आवेदनों को ऑनलाइन ही मान्यता पत्र व मान्यता नवीनीकरण पत्र जारी किए जाएंगे।
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने बताया कि सत्र 2025-26 में केवल वही विद्यालय विद्यार्थियों को दाखिला दे पाएंगे, जिनके पास विभाग द्वारा मान्यता संबंधी प्रमाणपत्र होंगे। मान्यता पत्र व मान्यता नवीनीकरण पत्र के बिना संचालित होने वाले विद्यालयों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
गरीब परिवारों के बच्चों को देनी होंगी 25 प्रतिशत सीटें
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने कहा कि वर्ष 2025-26 में सभी सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटें गरीब परिवारों के बच्चों को आवंटित करनी होंगी। प्रवेश शुरू होने से 30 दिन पहले इन स्कूलों को इसका विज्ञापनों, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडया और अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित करना होगा। सभी स्कूल इस प्रचार से संबंधित पूरा रिकॉर्ड भी रखें तथा इसे शिक्षा खंड कार्यालय में जमा करवाएं।
उपनिदेशक ने बताया कि आरटीई अधिनियम 2009 के अंतर्गत निजी सहायता प्राप्त विद्यालयों और गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों में कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के प्रवेश के संबंध में विज्ञापन हिंदी और अंग्रेज़ी में स्कूल नोटिस बोर्ड पर सूचनाएं लगानी होंगी, ताकि आम जनता को कमजोर वर्ग और वंचित समूहों के बच्चों के लिए न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों की संख्या के बारे में जानकारी मिल सके।