काँगड़ा, राजीव जस्वाल
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार मध्य प्रदेश के इंदौर का आरोपित डा. विनय शंकर जिला कांगड़ा के उपमंडल इंदौरा के तहत सूरजपुर स्थित अपनी ट्यूलिप प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी में नकली इंजेक्शन बनाता था। पेंटाजोल टेबलेट बनाने वाली इस फैक्टरी ने मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद खुद उत्पादन बंद कर दिया था और कर्मचारियों को छुट्टियां दे दी थीं।
फैक्टरी में दो स्थानीय लोग देखभाल के लिए रखे गए थे। अगस्त 2020 तक आरोपित डा. विनय करीब 20 बार फैक्टरी में अकेला आया और बंद कमरे में काम करता था। इस दौरान उसने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी तैयार किए। स्थिति सामान्य होने के बाद दिसंबर के बाद फैक्टरी में दोबारा उत्पादन शुरू हो गया था।
आरोपित डा. विनय ने अगस्त से नवंबर के बीच जरूरत के हिसाब से रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार कर लिए थे। उसने अपनी फैक्टरी के प्रबंधक पिंकू के माध्यम से अतिरिक्त ड्रग नियंत्रक आशीष रैणा के पास इंजेक्शन बनाने के लिए आवेदन किया। अधिकारी ने तर्क दिया कि इस इंजेक्शन की स्वीकृति स्वास्थ्य मंत्री व केंद्र सरकार देती है। स्वीकृति न मिलने के बाद आरोपित ने अपने स्तर पर नकली इंजेक्शन मध्य प्रदेश पहुंचा दिए।
अनियमितताओं के कारण बंद करवाया फैक्टरी में उत्पादन डा. विनय शंकर की गिरफ्तारी के बाद अतिरिक्त ड्रग नियंत्रक आशीष रैणा के नेतृत्व में ड्रग इंस्पेक्टर धर्मशाला प्यारे लाल व पुलिस थाना डमटाल की टीम ने सूरजपुर स्थित फैक्टरी में दबिश दी। इस दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिले। टीम को फैक्टरी में कई अनियमितताएं मिली हैं। इस कारण अतिरिक्त ड्रग नियंत्रक ने फैक्टरी में उत्पादन बंद करवा दिया है। सूत्रों के अनुसार फैक्टरी में कुछ ऐसी दवाएं भी बनाई जा रही थी,, जो यहां नहीं बननी चाहिए थीं। इस कारण कार्रवाई हुई है।
अतिरिक्त ड्रग नियंत्रण आशीष रैणा का कहना है पुलिस टीम के साथ फैक्टरी की जांच की गई थी। कुछ अनियमितताएं पाए जाने पर फैक्टरी में उत्पादन आगामी आदेश तक बंद करवा दिया है। जांच की रिपोर्ट ड्रग नियंत्रक को भेज दी है।
उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति का कहना है आरोपित डा. विनय के गिरफ्तार होने के बाद अतिरिक्त दवा नियंत्रक को मामले की जांच करने को कहा गया है। उन्होंने पुलिस टीम के साथ वीरवार सायं फैक्टरी में जांच की थी।