टांडा मेडिकल कॉलेज में लगेंगी नई सात डायलिसिस मशीनें

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मौजूदा समय में हैं 12 मशीनें, मरीजों को मिलती है लंबी तारीख, अब तक रोजाना होती है 45 मरीजों की डायलिसिस, मशीनें बढ़ने से मरीजों को मिलेगी राहत।

कांगड़ा – राजीव जसवाल 

प्रदेश के दूसरे बड़े मेडिकल कॉलेज टांडा में किडनी के मरीजों के इलाज के लिए जल्द ही सात नई डायलिसिस मशीनें स्थापित की जाएंगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

नई मशीने लगने के बाद यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों को डायलिसिस करवाने के लिए लंबे इंतजार से राहत मिलेगी।

मौजूदा समय में टांडा मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलॉजी विभाग में स्थापित 12 मशीनें से प्रतिदिन 40 से 45 किडनी रोगियों का ही डायलिसिस हो पाता है। जबकि इलाज के लिए आने वाले रोगियों की संख्या अधिक रहती है।

ऐसे में मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। एक रोगी का डायलिसिस करने में करीब चार घंटे का समय लगता है। टांडा में एक बार डायलिसिस करवाने के लिए 1500 रुपये का खर्च आता है।

वहीं, हिम केयर और आयुष्मान कार्ड होने पर यह सुविधा निशुल्क रहती है। जबकि निजी अस्पतालों में ये राशि दोगुनी से भी ज्यादा है। टांडा में मशीनों और कर्मचारियों की संख्या बढ़ने से मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।

बता दें कि रोजाना टांडा मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलॉजी विभाग की बुधवार और शुक्रवार को ओपीडी 150 के करीब रहती है। वहीं, अन्य दिनों में ओपीडी 60 से 70 के बीच रहती है।

टांडा में स्थापित 12 मशीनों में से 10 मशीनें नेगेटिव रोगियों के लिए (जिन्हें काला पीलिया नहीं), एक मशीन एचआईवी पॉजिटिव रोगियों के लिए और एक मशीन काला पीलिया वाले रोगियों के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है।

क्या है डायलिसिस

डायलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जो खून से अपशिष्ट पदार्थ को निकालती है। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती है, तो वे इन अपशिष्ट पदार्थों और तरल पदार्थों को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती हैं, जिससे वे रक्त में जमा होने लगते हैं।

डायलिसिस इस स्थिति को ठीक करने के लिए एक कृत्रिम प्रक्रिया है, जो रक्त को छानकर अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालती है।

डॉ. अभिनव राणा, एचओडी, नेफ्रोलॉजी विभाग के बोल

टांडा मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस की सात मशीनें नई आने से रोगियों को राहत मिलेगी। टांडा में रोगियों की संख्या को देखते हुए अभी ऐसी और 10 मशीनों की जरूरत है। इसके बारे में प्रदेश सरकार को अवगत करवा दिया है।

शौर्य, एमडी, राही केयर कंपनी के बोल 

डायलिसिस करने का स्टाफ चंडीगढ़ की कंपनी राही केयर करती है। मशीनों के बढ़ने के साथ स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाएगी। मौजूदा समय में 13 लोगों का स्टाफ है जिसमें छह नर्सें, छह तकनीशियन और तीन हाउस कीपिंग स्टाफ है।

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