काँगड़ा- राजीव जस्वाल
डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज अस्पताल टांडा में तैनात सुरक्षा कर्मी शुक्रवार से हड़ताल पर चले गए हैं। सुबह आठ बजे से सुरक्षा कर्मचारी मुख्य गेट पर हड़ताल पर बैठे गए हैं। सुरक्षाकर्मी यूनियन के दो पदाधिकारियों के तबादले से नाराज हैं। सुरक्षा कर्मचारियों ने 24 जनवरी को गेट मीटिंग कर अस्पताल प्रशासन व एक्स सर्विसमैन कारपोरेशन को पदाधिकारियों के तबादले रद करने के लिए अल्टीमेटम दिया था। 27 जनवरी तक तबादले रद करने की मांग की थी।
सुरक्षा कर्मचारी यूनियन टांडा के प्रधान विवेक राणा, सचिव सुनील कुमार, कोषाध्यक्ष पवनीश कुमार ने बताया कि प्रशासन को चेतावनी पहले ही दी थी कि उनके दो सुरक्षा सहयोगियों के स्थानांतरण को वापस नहीं लिया जाता है तो तब तक गेट के भीतर काम करने के लिए नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके अनुबंध के अनुसार उन्हें टांडा मेडिकल कालेज की सुरक्षा के लिए तैनाती दी गई है तथा उन्हें यहां से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
सुरक्षाकर्मियों का आरोप है कि यूनियन के प्रधान विवेक राणा का सोलन जिले के बद्दी व उपप्रधान संदीप कटोच का बिलासपुर एम्स में तबादला किया गया है। इसमें टांडा मेडिकल कालेज प्रशासन का भी हाथ है। यूनियन का गठन सुरक्षा कर्मियों की समस्याएं के हल के लिए की गई है। इससे किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
टांडा मेडिकल कालेज में सफाई कर्मचारी से लेकर चिकित्सक हर कर्मचारी वर्ग की यूनियन है तो उनकी यूनियन स किसी को क्या परेशानी है। सुरक्षाकर्मियों के मुताबिक उन्हें 11,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। इस मानदेय में टांडा से बद्दी या बिलासपुर जाकर खाने व रहने का भी खर्च पूरा नहीं होगा।
सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि वे दैनिक वेतन भोगी के पद पर हैं। ऐसी स्थिति में उनका तबादला किया ही नहीं जा सकता। सुरक्षा कर्मचारियों का कहना है कि पहली बार यूनियन का गठन नहीं किया गया है। पहले भी उनकी यूनियन थी। तब तो इससे किसी को कोई परेशानी नहीं थी। अब क्यों उन्हें तंग किया जा रहा है।
सुरक्षा कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल से मामले में हस्तक्षेप कर उनकी समस्या के समाधान की गुहार लगाई है। इसकी जिम्मेदारी टांडा मेडिकल कालेज प्रशासन व एक्स सर्विसमैन कारपोशन हमीरपुर की होगी।
टांडा में चरमराई सुरक्षा व्यवस्था
सुरक्षाकर्मियों के हड़ताल पर जाने से टांडा मेडिकल कालेज में सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। ओपीडी के बाहर मरीज तीमारदार मनमर्जी कर रहे हैं। चिकित्सकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि अभी तक टांडा मेडिकल कालेज प्रबंधन, एक्स सर्विसमैन कारपोरेशन व सुरक्षा कर्मचारियों के बीच वार्ता नहीं हुई है।
सुरक्षा कर्मचारियों ने पहले ही आंदोलन पर चले जाने के लिए अपनी तरफ से ज्ञापन दे दिया था। लेकिन प्रबंधन की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया है। बताया जा रहा है कि सुरक्षा कर्मचारियों ने श्रम कार्यालय, टांडा प्रशासन व सुरक्षा कंपनी को अवगत करवाया है। ऐसे में आज टांडा मेडिकल कालेज अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है।